रायपुर। रेल कर्मचारियों, पेंशनरों और आश्रितों को अब निजी अस्पतालों में बिना रेफर इमरजेंसी कैशलेस उपचार की सुविधा नहीं मिलेगी। रेलवे बोर्ड ने विचार-विमर्श और सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद देशभर में चल रही कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम इन इमरजेंसी (सीटीएसई) को वापस ले लिया है।

रेलवे बोर्ड के प्रधान (स्वास्थ्य) डा. एके मल्होत्रा ने पत्र लिखकर जोनल रेलवे को इससे अवगत कराया है। हालांकि गंभीर बीमारी पर रेल कर्मियों और स्वजन को पुरानी कैशलेस रेफरल की सुविधा यथावत मिलती रहेगी। रेलवे कर्मचारी संगठनों ने बोर्ड के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए विरोध किया है।

इस नए नियम से रेलवे कर्मचारियों को क्‍या होगा नुकसान

रायपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने जनवरी 2021 में कर्मचारियों और उनके स्वजन को आपात स्थिति में यथाशीघ्र समुचित उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीटीएसई को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया था। इसके तहत बीमारी से पीड़ित रेल कर्मचारी, पेंशनर या आश्रित आपात स्थिति में रेलवे अस्पताल से रेफर हुए बिना पैनल के निजी अस्पताल में इलाज करा सकते थे।

प्रधान कार्यकारी निदेशक ने बताया कि सीटीएसई को बंद करने के निर्णय पर रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय ने भी सहमति जताई है। सीटीएसई सदस्यता के लिए जमा की गई राशि के लिए कार्डधारक को कोई रिफंड नहीं किया जाएगा। रेल कर्मचारियों व संगठनों का कहना है कि अचानक तबीयत खराब होने पर कर्मचारियों व उनके स्वजन को यूएमआइडी (उम्मीद) कार्ड या सीटीएसई कार्ड के माध्यम से पैनल में शामिल निजी अस्पताल में उपचार की सुविधा मिल रही थी, जिससे बड़ी राहत थी।

पहले लेनी होगी अनुमति

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि अब तक रेलवे कर्मचारी, पेंशनर और आश्रित बिना विभाग को जानकारी दिए निजी अस्पतालों में उपचार कराने के बाद बिल आदि पेश करते थे। अब कर्मचारियों को विभाग से अनिवार्य रूप से अनुमति लेने के बाद ही निजी अस्पताल में जाकर इलाज कराना होगा।

Trusted by https://ethereumcode.net