रेवड़ी रेवड़ी चीखने वाले अडानी के लिये लगातार रबड़ी परोसी है

रायपुर।राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहाकि फेंकने में मोदी जी और उनके परम चेले अमित शाह जी का तो कोई जवाब ही नहीं है। पर इस चुनाव की सारी लड़ाई अंततोगत्वा – रेवड़ी और रबड़ी पर आ कर टिक गई है।

राजीव भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि आज जब छत्तीसगढ़ का चुनाव मुहाने पर है तो कांग्रेस सरकार अपने काम के दम पर, अपने रिपोर्ट कार्ड पर जनता से वोट माँग रही है और हमारी प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से जुमलों की बारिश कर रही है।

हमने ग़रीबों शोषितों वंचितों आदिवासियों के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया तो उसको मोदी जी रेवड़ी बताते हैं। उन्होंने अडानी के लिए दिन रात मेहनत की लेकिन उस रबड़ी पर चर्चा नहीं करते।

दो मिनट में आपको पहले कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार की बड़ी उपलब्धियाँ गिना देते हैं :

  • 40 लाख लोग ग़रीबी की सीमा रेखा से ऊपर आये
    -44 लाख परिवारों का बिजली बिल हाफ़ होने से 4000 करोड़ का फ़ायदा मिला
  • 6.5 लाख किसानों को 10,200 करोड़ की निःशुल्क बिजली दी
  • 85,000 नौकरियां दी गई
  • 5 लाख रोज़गार बनाये गए
    -2018 के पहले मात्र 12 लाख किसान धान बेचने के लिए रजिस्टर होते थे अब क़रीब 25 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं
    -तमाम कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से 1.75 लाख करोड़ लोगों के खाते में सीधे डाले
    -700 से ऊपर स्वामी आत्मानंद विद्यालय बनवाए
  • मेडिकल कॉलेज 7 से बढ़कर 11 हुए, 3 निजी कॉलेज, 4 और खुलेंगे
  • एमबीबीएस की सीटें दोगुनी हो गई
    -कौशल्या माता मंदिर का जीर्णोद्धार किया
    -राम वन गमन पथ बनवाया

और इस दौरान केंद्र सरकार ने सिर्फ़ और सिर्फ़ रोड़ा लगाने का काम किया। यहाँ तक कि हमारी सरकार की ज़्यादा दाम पर धान ख़रीदने की पहल को भी रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। लेकिन हम भी कम नहीं है, तू डाल डाल तो मैं पात पात। मोदी सरकार ने ऑर्डर निकाल कर कहा कि अगर कोई सरकार एमएसपी से ज़्यादा पर धान ख़रीदेगी तो केंद्र सरकार के पूल में वो नहीं ख़रीदा जायेगा।

इसीलिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में अतिरिक्त पैसा डाला। लेकिन इस सरकार की कुत्सित हरकतों का अंदाज़ा आप इससे लगाइए कि केंद्र सरकार ने 86 मीट्रिक टन चावल ख़रीदने का वादा किया जिसको बाद में 61 मीट्रिक टन कर दिया गया-और यही वो लोग हैं जिन्होंने कर्नाटका की हमारी सरकार को 35 मीट्रिक टन चावल देने से मना कर दिया।

रेवड़ी रेवड़ी चीखने वाले अडानी के लिये लगातार रबड़ी परोसी है। बस्तर में एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को अडानी जी को सौंपने की पूरी तैयारी के बावजूद अब कहा जा रहा है ऐसा नहीं होगा। तो फिर वित्त मंत्रालय की विनिवेश वेबसाइट पर अभी तक इसका नाम क्यों है। याद रखियेगा यह वही चुनावी जुमला है जिनकी बौछार करके प्रधानमंत्री जी ख़ुद उनके बारे में अगले पल ही भूल जाते हैं! लेकिन अगर ग़रीबों शोषितों आदिवासियों किसानों के लिए काम करना और उनकी भलाई करना रेवड़ी बाँटना है तो रेवड़ियाँ और बँटनी चाहिये – इसीलिए हमारा वचन है कि-

  • कांग्रेस सरकार हर किसान का एक बार फिर से कर्ज़ा माफ़ करेगी
    -प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की ख़रीद की जाएगी
    -17.5 लाख आवासहीनों के लिए मकान बनायेंगे
  • 5 सालों में 15 लाख लोगों को रोज़गार के लिए रोज़गार मिशन लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा
    -जातिगत जनगणना कर लोगों को उनका हक़ दिया जाएगा
  • आबादी के अनुपात में बनाए गए आरक्षण संशोधन विधेयक के 76 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया जाएगा
    -स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी
    -बिजली बिल हाफ योजना को आगे बढ़ाया जाएगा

रेवड़ी कह कर सरकार के दायित्वों और लोकहित की योजनाओं का अपमान करने वाले राजनैतिक छींटाकशी नहीं कर रहे बल्कि उन लोगों का तिरस्कार कर रहे हैं जिनके लिए हमारी सरकार ने ये काम किए हैं – और वो वोट देते समय इसका सूत समेत जवाब देंगे।

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