बालोद। छत्तीसगढ़ में चुनावी पारा चढ़ने के साथ राजनीतिक पार्टियों में चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नेताओं ने बड़ी संख्या में टिकट के लिए दावेदारी की थी लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। टिकट नहीं मिलने से नाराज नेता अब पार्टी से इस्तीफा देकर अन्य पार्टी की ओर रुख कर रहे हैं या पार्टी से बगावत करने के मुड में हैं। गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बीजेपी का दामन छोड़ दूसरी बार जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का दामन थाम लिया है। जेसीसीजे न उन्हें दूसरी बार पार्टी से अधिकृत उम्मीदवार भी बनाया है।

बता दें कि राजेंद्र कुमार राय रायपुर में ट्रैफिक डीएसपी रहते हुए प्रशासनिक सेवा से 2011 में इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी का दामन थामा. वे छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत प्रमोद कुमार जोगी के बेहद करीबी माने जाते हैं. उन्हीं के मार्गदर्शन में पार्टी का दामन थाम 2013 के विधानसभा चुनाव में गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरा और 72770 वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी पूर्व वीरेंद्र कुमार साहू को 21280 मतों के अंतर से मात देकर विधायक निर्वाचित हुए।

कांग्रेस पार्टी से बागी होकर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत प्रमोद कुमार जोगी ने नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) बनाई, तब कांग्रेस को छोड़ राजेंद्र राय जोगी की पार्टी में शामिल होकर 2018 के विधानसभा चुनाव में जोगी की पार्टी से चुनाव मैदान उतरे, जहां उन्हें महज 8648 वोट मिले और बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा.