दुर्ग। ईडी को लेकर प्रदे्श की राजनीति गरमाई हुई है। ईडी है कि कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रही है, वहीं भाजपा ईडी को मुद्दा बनाकर चुनाव जीतने की दिशा में आगे बढ़ रही है। दुर्ग जिले के भिलाई नगर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे फिर एक बार मैदान पर हैं।

वहीं कांग्रेस से विधायक रहे देवेंद्र यादव को कांग्रेस ने फिर से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है, लेकिन भिलाई विधायक देवेंद्र यादव पर लगातार ED की कार्यवाही की तलवार लटक रही है।विधायक देवेंद्र यादव को अब तक दो बार ED ने नोटिस भेजा लेकिन वह अब तक कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके हैं।

जिसे लेकर सियासत शुरू हो गई है। चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार हमलावर है। वहीं विधायक देवेंद्र यादव भी भाजपा पर आरोप लगाते हुए अब तक किसी प्रकार के नोटिस उन्हें नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में चुनावी सियासत उफान पर है। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते नजर आ रहे हैं। पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने भी आज भारी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपना नामांकन दाखिल किया।

दुर्ग जिला कलेक्टर में नामांकन दाखिल करने के दौरान उन्होंने भिलाई नगर विधानसभा में विधायक देवेंद्र यादव पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की नोटिस पर कोर्ट में पेश नहीं होने को लेकर निशाना साधा।

पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने विधायक देवेंद्र यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 9 साल में किए गए विकास कार्यों और भूपेश सरकार के 5 साल में किए गए भ्रष्टाचार के साथ भिलाई में नशाखोरी और बढ़ते अपराध का मुद्दा अहम है।

पूर्व मंत्री ने ईडी की कार्रवाई को लेकर कहा कि एड की चार्ट शीट में साफ लिखा गया है कि 11 किस्तों में विधायक देवेंद्र यादव ने कोयला घोटाले में 3 करोड़ रुपए लिए हैं। इसके बाद भी भिलाई में घूम रहे हैं और ईडी की दो बार नोटिस के बाद भी पेशी में शामिल नहीं हो रहे हैं।

5 साल में 5 गुना बढ़ गई संपत्ति

प्रेम प्रकाश पांडे ने देवेंद्र यादव पर तंज कसते हुए कहा कि ED ने भिलाई विधायक के घर में छापा की कार्रवाई की तब उन्होंने कहा कि यहां उन्हें कुछ नहीं मिला उनके पास कोई संपत्ति नहीं है, लेकिन बीते 5 साल में 5 करोड़ की संपत्ति कहां से आ गई।

भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की संपत्ति 5 साल में 5 गुना बढ़ गई है। अभी उन्होंने निर्वाचन आयोग को एफिडेविट के माध्यम से जानकारी दी है। जबकि एक विधायक की कुल सैलरी 5 साल में 60 लाख रुपए के लगभग होती है।

भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के घर पर इडी ने छापामार कार्रवाई की थी। जिसके बाद विधायक देवेंद्र यादव की बैंक अकाउट समेत 21 लाख की संपत्ति भी ईडी ने अटैच की थी। वहीं दूसरी ओर 25 अक्टूबर को होने वाली पेसी में विधायक देवेंद्र यादव कोर्ट नहीं पहुंचे। कोर्ट में विधायक देवेंद्र यादव का इंतजार होता रहा लेकिन विधायक देवेंद्र यादव दुर्ग कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल करते रहे।

इस दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति और अपराधों का एफिडेविट भी प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने लगभग चार करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति की जानकारी निर्वाचन आयोग को दी है। उन्हें इस मामले में घेरने पर विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह जनता को बरगलाने में लगे हुए हैं।

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