लैलूंगा : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है.इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा महिला वोटर्स हैं.इस बार महिलाएं ही प्रत्याशियों का फैसला करेंगी. बात यदि टिकट वितरण की करें तो 90 विधानसभाओं में कांग्रेस और बीजेपी ने दोनों ही महिला प्रत्याशियों को मौका दिया है.जिसमें पूर्व सांसद से लेकर विधायक तक शामिल हैं. 90 विधानसभा में इस बार 4 सीटें ऐसी होंगी जहां पर महिला उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर होगी.लेकिन इससे पहले एक नजर डालते हैं किस पार्टी ने कहां से महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है.

प्रतापपुर विधानसभा का समीकरण :

बीजेपी और कांग्रेस की उम्मीदवार दोनों ही अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती हैं. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इस सीट पर कुल मतदाता 231477 है. इनमें से 60 फीसदी अनुसूचित जनजाति के हैं. इसमें गोंड समाज की संख्या 40 प्रतिशत है. यानि करीब वोटरों का एक तिहाई भाग गोंड से संबंधित है. बाकी बचे हुए में कंवर, पंडो, चेरवा और पहाड़ी कोरवा समाज आता है. गोंड सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने बीजेपी ने 44 साल की पोर्ते को उतारा है.वहीं कांग्रेस ने भी राजकुमारी मरावी को मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है.

लैलूंगा सीट का समीकरण :

लैलूंगा की यदि बात करें तो लैलूंगा विधानसभा में लगभग 37 से 38 हजार वोटर राठिया, वहीं कंवर समाज के 25 से 28 वोटर हैं. राठिया कवंर के कुल 62 से 65 हजार मतदाता हैं. गोंड समाज से लगभग 25 हजार मतदाता हैं. उरांव समाज से 18 से 20 हजार वोटर हैं. बीजेपी ने सुनीति राठिया को प्रत्याशी बनाया है. जिससे राठिया वोटर्स का वोट पाने में कुछ हद तक बीजेपी सफल हो सकती है. लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में इस बार राठिया ,कवंर वोटरों की निर्णायक भूमिका होगी.रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस को रोचक मुकाबले में आने के लिए राठिया वोट को साधना होगा.

सारंगढ़ सीट का समीकरण :

बिलाईगढ़ जिला बनने से कांग्रेस का आधार बढ़ा है. वहीं सारंगढ़ की मौजूदा कांग्रेस विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े की मजबूत स्थिति को देखकर बीजेपी ने यहां से शिवकुमारी चौहान को उम्मीदवार बनाया है.लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि सारंगढ़ कभी बसपा का गढ़ रहा है.लिहाजा इस बार विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं.

सरायपाली सीट का समीकरण :

सरायपाली से बीजेपी ने सरला कोसरिया को टिकट दिया है. जो प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. साल 2010 से 2015 तक महासमुंद जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.इस विधानसभा में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है.कांग्रेस की बात करें तो इस बार पार्टी ने मौजूदा विधायक किस्मत लाल नंद का टिकट काटकर चातुरी नंद को टिकट दिया है. 2018 में कांग्रेस ने उतारे थे 14 और भाजपा ने 13 महिला उम्मीदवार2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 और बीजेपी ने 13 महिला उम्मीदवारों कोचुनावी अखाड़े में उतारा था. जिसमें से कांग्रेस की 10 और बीजेपी की एक महिला उम्मीदवार विधानसभा पहुंची थी. वहीं उपचुनाव में कांग्रेस से तीन महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल करके विधानसभा में महिला विधायकों की भागीदारी बढ़ाई थी. लेकिन इस बार की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाई है. कांग्रेस ने जहां 18 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.वहीं बीजेपी ने 15 महिला उम्मीदवारों मैदान में उतारा है.

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