रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश मुख्यतः कृषि प्रधान प्रदेश है यहां धान की पैदावार अधिक होती है। यही कारण है कि प्रत्येक विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां धान को प्रमुख मु्द्दा बना कर चुनाव लड़ते है। इस बार भी छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में धान ही प्रमुख मुद्दा बन कर उभरा है। कांग्रेस और भाजपा में धान खरीदी को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाने से नहीं चूक रहे हैं। बता दें कि भाजपा ने धान खरीदी के संबंध में चुनाव आयोग को पत्र लिखा। भाजपा ने पत्र में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में से प्राधिकृत आधिकारी के पद से हटाने के लिए लिखा गया। साथ ही ज्यादातर OIC के सत्ता पक्ष के समर्थित होने का आरोप भी लगाया और आगे लिखा कि यदि इन्हें नहीं हटाया गया तो निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।

वहीं भाजपा का दावा कर रही है कि धान की खरीद केंद्र सरकार ने कराई है। क्योंकि, धान खरीद का कोटा केंद्र तय करता है। ऐसे में इस बार भी धान की खरीद एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात कर रहे हैं। इस समय समर्थन मूल्य 2640 रुपए प्रति क्विंटल है। दोनों ही दल यह दावा भी कर रहे हैं कि सत्ता में आने पर धान की खरीद को 20 क्विंटल प्रति एकड़ किया जाएगा।

वैसे तो छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 1 नवंबर यानी आज से शुरू हो रही है, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इस साल बिना बायोमेट्रिक के ही धान खरीदी होगी, धान खरीदी केंद्रो में बायोमेट्रिक सिस्टम नहीं लग सका है। बता दें कि इस साल 26.48 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं 2 लाख 42 हजार नए किसानों ने पंजीयन कराया है। 2 हजार 28 समितियों के जरिए धान खरीदी होगी।