केंद्र सरकार का महादेव ऐप बंद करने का दावा झूठ

रायपुर। सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि भाजपा प्रवक्ताओ्ं सिद्धार्थनाथ सिंह, केदार गुप्ता, अनुराग अग्रवाल ने महादेव एप में मेरा नाम जोड़कर मेरी मानहानि की है ।।

इसके पूर्व इस मामले में भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता लेकर भाजपा के राष्ट्रीय को-आडिनेटर सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता, अनुराग अग्रवाल ने विनोद वर्मा पर महादेव सट्टा के जुड़े होने का आरोप लगाया था।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने बताया कि सबसे पहले महादेव ऐप की जांच का काम छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुरु किया। अब तक 72 मामले दर्ज किए गए हैं और 449 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है

राज्य सरकार व्दारा लिखे पत्र पर कार्रवाई करते हुए आखिरकार तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने महादेव ऐप को बंद करने का दावा किया। लेकिन दिलचस्प और हैरान करने वाली बात यह है कि उसी शाम एक समाचार चैनल ने दिखा दिया कि रोक लगाने की बात बेकार है क्योंकि ऐप तो बाक़ायदा चल रहा है और सट्टेबाज़ी का खेल निर्बाध रूप से जारी है।

विनोद वमा ने कहा कि भारत में जुआ खेलना अपराध है और इस ऐप के माध्यम से जुआ खिलवाया जा रहा है, इस ऐप को बंद कर दिया जाए और इस ऐप को बनाने और चलाने वालों के नाम पुलिस को बताए जाएं। इस पत्र के बाद गूगल ने महादेव ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया।

191 लैपटॉप, 865 मोबाइल फ़ोन और डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति और 16 करोड़ रुपए बैंक खातों में ज़ब्त किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में दर्ज मामलों के आधार पर ही प्रत्यावर्तन निदेशालय यानी ईडी ने जांच शुरु की। रायपुर पुलिस के साइबर सेल ने 12 अक्टूबर 2022 को गूगल को एक पत्र लिखकर कहा था कि महादेव ऐप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है।

-छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही जांच के बाद पाया कि महादेव ऐप के संचालक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर हैं। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया।

  • इसके बाद से लगातार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार कह रहे हैं कि इन अपराधियों को केंद्र सरकार गिरफ़्तार करे क्योंकि वे इस देश में नहीं रहते और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता कि वे किसी अपराधी को किसी दूसरे देश से गिरफ़्तार करके लाएं।
  • महादेव ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उन्होंने बार बार की।
  • उन्होंने आशंका ज़ाहिर की थी कि ऐप पर रोक इसलिए नहीं लग रही है कि क्योंकि भाजपा के लोगों से संचालकों की सांठगांठ हो गई है।

    -स्पष्ट है कि यह शायद केंद्र की मोदी सरकार के बूते की बात ही नहीं है कि वह महादेव ऐप को रोक सके। या वह चाहती ही नहीं कि इस पर रोक लगे।
    -क्योंकि केंद्र की सरकार तो सट्टेबाज़ी पर जीएसटी लगाकर कमाई करने में लगी है।
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