नई दिल्ली/ कोलकाता। दीपावली पर दिल्ली-NCR में आतिशबाजी और पटाखों ने प्रदूषण का लेवल फिर बढ़ा दिया है। चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। आलम ये है कि दिवाली की शाम तक यहां एक्यूआई 218 था, दिवाली के अगले दिन बढ़कर 999 हो गया है। उधर कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ रही और महानगर में धुंध छाई रही।

दिल्ली में इंडिया गेट, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, आर के पुरम, ओखला, श्रीनिवासपुरी, वजीरपुर, बवाना और रोहिणी में भी प्रदूषण से बुरा हाल है। आतिशबाजी से विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ी धज्जियां

दिवाली के पहले ही प्रदूषण से बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों और अतिशबाजी की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने जमकर आतिशबाजी की।

प्रदूषण का कई सालों का टूटा रिकॉर्ड

दिल्ली-एनसीआर में इस साल दिवाली के बाद प्रदूषण ने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां आतिशबाजी के बाद AQI बढ़कर 999 हो गया है।

दीवाली के मौके पर इससे पहले 2016 में एक्यूआई 431 दर्ज किया गया था। उसके बाद 2020 में 414 साथ ही 2021 में 382 इससे पहले 2019 में 337, 2017 में 319 और 2018 में 281 दर्ज किया गया था।

कोलकाता में भी बढ़ गया प्रदूषण

काली पूजा और दिवाली के एक दिन बाद सोमवार सुबह कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ रही और महानगर में धुंध छाई रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि वायु गुणवत्ता के खराब होने की एक मात्र वजह रविवार को हुई आतिशबाजी ही नहीं, बल्कि मौजूदा मौसम भी है। इस मौमस में कोहरे और धुएं की उपस्थिति के कारण छोटे कण हवा में बने रहते हैं।

पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार सुबह ‘विक्टोरिया मेमोरियल’ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 284 और कोलकाता के ‘फोर्ट विलियम’ में 262 दर्ज किया गया, जबकि पड़ोसी हावड़ा जिले के घुसुरी में यह 310 रहा।

जानिए AQI के बारे में

बता दें कि प्रदूषण के पैमाने के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
 पर