रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को साधने के लिए पार्टियों ने सियासी बिसात बिछा दी है। बिसात भी इस तरह की महिलाओं के लिए फायदे ही फायदे नजर आ रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जो महिलाओं का विश्वास जीतेगा, उसी के सिर पर सत्ता का ताज होगा।
राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टियों ने महिलाओं पर खासतौर पर फोकस करते हुए घोषणा-पत्र में एक नहीं बल्कि एक से ज्यादा वादों की फेहरिस्त पेश की गई है। कांग्रेस और भाजपा ने महिलाओं के ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा ने जहां महतारी वंदन योजना को अपना सबसे बड़ा फैक्टर बताया है तो वहीं कांग्रेस ने इससे मुकाबला करने गृहलक्ष्मी योजना का ऐलान कर दिया है।
रसोई गैस सिलिंडर से लेकर महिलाओं के खाते में डायरेक्ट बेनिफेट सहित कई ऐसी घोषणाएं हैं, जो खासतौर पर सिर्फ महिला मतदाताओं को साधने के लिए बनाया गया है। रसोई सब्सिडी तो कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टियों के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने जिस तरह किसानों की कर्जमाफी की है, उसी तर्ज पर महिलाओं के लिए महिला स्व-सहायता समूहों की कर्जमाफी की घोषणा की गई है।
सियासी दलों ने खोला घोषणाओं का पिटारा
कांग्रेस के पास यदि घोषणाओं का पिटारा है तो भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा के खाते में महिला सशक्तीकरण योजना, कौशल्या समृद्धि योजना आदि शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव 2023 में शहर से लेकर गांव तक मतदाताओं के बीच कांग्रेस-भाजपा के घोषणा-पत्र की जमकर चर्चा है। चुनावी सभा से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता अपने-अपने घोषणा-पत्र को सबसे ज्यादा कारगर बता रहे हैं।
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