महासमुंद/कोरबा। चुनाव के दूसरे चरण में प्रदेश के कुछ मतदान केंद्रों में अलग-अलग वजहों से मतदान का बहिष्कार किये जाने की खबरें आ रही हैं। इनमे शामिल महासमुंद जिले के बूथ क्रमांक 151 बेलर के मतदान केंद्र को एकाएक बिना सूचना दिए ग्राम हरदी कर दिया गया है। ग्राम बेलर ग्राम पंचायत कौहाकुड़ा के ग्रामीणों ने मतदान का विरोध कर मतदान नहीं करने निर्णय लिया गया है। हालांकि बाद में अधिकारीयों की समझाइश के बाद मतदान शुरू हो गया।

“रोड बनवाकर ही गांव में प्रवेश करें..!”

उधर बसना के पिथौरा ब्लॉक के सीतापुर के लोगों ने मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर मतदान के बहिष्कार की घोषणा की थी। इसी के मुताबिक खबर लिखे जाने तक यहां ग्रामीणों ने मतदान शुरू नहीं किया है। यहां वोटिंग शुरू किये जाने के सारे प्रशासनिक और राजनैतिक प्रयास विफल हो गए हैं। दरअसल गांव की सड़क ख़राब है और ग्रामीण इससे काफी परेशान हैं। ग्रामीणों ने चौक चौराहों पर बैनर टांगकर लिख रखा है कि गांव में सड़क बनवाकर ही प्रवेश करें।

मतदान के बहिष्कार के चलते सीतापुर का मतदान केंद्र सूना रहा और मतदान कर्मी बाहर बैठे हुए नजर आये।

“नाली नहीं तो वोट नहीं”

उधर कोरबा जिले के कटघोरा नगर में एक मोहल्ला नाली नहीं होने के चलते परेशान है और इसी वजह से मोहल्ले के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। आज यहां ‘नाली नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगते रहे।

कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 के रहमानिया मोहल्ले के वार्डवासियों ने नाली व सफाई की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया। मुहल्ले पर नजर डालें तो नाली नहीं होने की वजह से यहां लोगों के घरों का गन्दा पानी गली में ही बह रहा है। 900 वोटर्स वाले इस वार्ड में लोगों ने आज मतदान के दिन ही निर्णय लिया कि यहां से कोई भी नागरिक मतदान नहीं करेगा। नाराज वार्डवासियों का कहना है कि नगर पालिका से कई बार शिकायत के बाद भी आज तक ध्यान नहीं दिया गया।

इस तरह कई ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां लोगों ने मूलभूत सुविधाओं के आभाव को लेकर गुस्से का इजहार किया और मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया। हालांकि कुछ स्थानों पर अधिकारीयों की समझाइश पर बाद लोग शांत हुए और मतदान का कार्य शुरू किया।