रायपुर। छठ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। इस व्रत को संतान की लंबी आयु पति के स्वस्थ जीवन और घर-परिवार के सुख-सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है। चार दिवसीय छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है।

बढ़ईपारा निवासी विश्वकर्मा महिला समाज की अध्यक्ष शकुंतला विश्वकर्मा ने बताया कि 19 नवंबर को छठ व्रतधारीयो ने आमा तालाब में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया इसलिए इसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है।

आज बड़ी संख्या में समाज की महिलाए युवतियां पुरुष उपस्थित थे। छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल छठ पर्व 17 से 20 नवंबर तक है।

आज षष्ठी तिथि 19 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया और 20 नवंबर को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत संपन्न होगा। छठ पर्व पर व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है और कठोर नियमों का पालन भी करती है।

इसलिए छठ को सबसे कठिन व्रतों में एक माना गया है। छठ पर्व देशभर में मनाया जाता है। आज छठ व्रत का तीसरा दिन है और संध्या अर्घ्य दिया गया छठ पूजा में सही समय पर ही सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्रत का फल मिलता है।

आज इस अवसर पर अशोक देवी जैन,नेहा विश्वकर्मा ,गूंजा विश्वकर्मा,माया विश्वकर्मा ,कलावती विश्वकर्मा ,दुर्गा विश्वकर्मा,मंदाकिनी विश्वकर्मा ,पिंकी विश्वकर्मा जैन ,पीहू, रुकमणी सिंह,सोनिया आंचल,अलीशा,ओमप्रकाश,आयुष,आदि उपस्थित थे।

सूरजपुर में रविवार की शाम को लोक आस्था का महापर्व छठ के लिए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती अपने घर- समाज के लिए खुशहाली की प्रार्थना की। सुदूर गांवों से लेकर जिले तक छठ पर्व की रौनक से हर वर्ग का जीवन रोशन हो रहा है। लोग पूरी श्रद्धा, भक्ति, आस्था और उमंग से पर्व को मनाया। घरों से लेकर घाट तक छठी मईया के सुरीले लोकगीतों गूंजा।रेड नदी के तट पर भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के दौरान जैसे सैलाब उमड़ पड़ा था।

कोरिया में नगरपालिका परिषद शिवपुर चरचा कालरी में लोकआस्था के महापर्व छठ के दूसरे व तीसरे दिन छठव्रतियों ने तालाबों, जलाशयों नदियों में स्नान करने के बाद प्रसाद बनाया। शाम में शांत वातावरण में खरना का धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर प्रसाद ग्रहण किया।

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