नई दिल्ली। देश में इन दिनों अमेरिका सहित अन्य कई देशों के नागरिकों को झांसे में लेकर धोखाधड़ी करने वाले कई गिरोह सक्रीय हो गए हैं। ऐसे ही एक गिरोह को UP के STF ने नॉएडा में पकड़ा था। ।इसी बीच सीबीआइ ने एक बड़े साइबर अपराध माड्यूल का पर्दाफाश किया है। इसके जरिए भारत में संचालित एक काल सेंटर से अमेरिका समेत कई देशों के नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था। सीबीआइ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात सहित 24 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 2.2 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। साथ ही बड़ी संख्या में डिजिटल सुबूत, संपत्तियों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सुशील सचदेवा और उसके सहयोगियों की ओर से चलाए जाने वाला गिरोह तकनीकी सहायता का साझा देकर भोले-भाले विदेशियों को निशाना बना रहा था। उन्हें ठगने के लिए काल सेंटरों के माध्यम से फोन किए जाते थे। सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। कई साइबर अपराधियों पर मामला दर्ज किया गया है।

पिछले साल दर्ज किया था FIR

CBI के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीबीआइ ने सात जुलाई, 2022 को इस आरोप पर मामला दर्ज किया था कि भारत में कई काल सेंटर ने गुजरात स्थित वीओआइपी कंपनी की सेवाओं का उपयोग अमेरिका के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं।

यह आरोप लगाया गया था कि इन साइबर अपराधियों ने वीओआइपी काल के माध्यम से अमेरिकी संघीय अनुदान विभाग, आइआरएस, एसएसए, सीआरए और एटीओ जैसी संस्थाओं का नकल किया। उन्होंने कहा कि ये साइबर अपराधी अमेरिकी संघीय विभागों या एजेंसियों के अधिकारियों के नाम से रोबो और आडियो काल भेजते थे। इसके बाद फीस, जुर्माना या दंड की आड़ में भुगतान के लिए दबाव डालकर पीड़ितों को धोखा देते थे।