धान खरीदी में दोहरा मापदंड, धान बेचने किसान लगा रहे चक्कर

रायपुर।धान खरीदी के नाम पर किसानों के साथ जिले के धान खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। सरकारी आदेश की नाफरमानी करते हुए केंद्र में प्रति एकड़ 20 क्विंटल की जगह 19 क्विंटल 40 किलो धान खरीदा जा रहा है। जिसके चलते एक क्विंटल के पीछे किसानों को करीब 60-80 किलो का नुकसान हो रहा है।

किसानों ने बताया कि धान खरीदी केन्द्र में खुलेआम गड़बड़ी किया जा रहा है। सरकार की ओर से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का आदेश है. लेकिन धान खरीदी सॉफ़्टवेयर में 19 क्विंटल 40 किलो धान ही अपलोड हो रहा है. खरीदी केंद्र कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे संचालित हो रहा है।

सरकार का निर्देश इसलिए खरीद रहे- अधिकारी

बेंद्री धान खरीदी केंद्र धान बेचने पहुंचे किसान वेदराम गीतलहरे ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का वादा किया गया था। लेकिन हमारे साथ फिर धोखा हो रहा है। कभी 19 क्विंटल 20 किलो लेते हैं, तो कभी 19 क्विंटल 40 किलो खरीद रहे हैं। पूछने पर मंडी के अधिकारियों द्वारा कहा जाता है सरकार का निर्देश है इसलिए खरीद रहे हैं।

80 किलो का नुकसान

तेजराम साहू ने कहा कि किसानों को परेशान किया जा रहा है। यहां के कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे धान खरीदी हो रही है। केंद्र प्रभारी यहां आते ही नहीं है। कांग्रेस सरकार चुनाव के दौरान उससे पहले हर जगह जा जाकर प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने की बात बोल रहे थे।

लेकिन अब 20 क्विंटल धान नहीं खरीद रहे हैं। मीडिया में भी आता है कि प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी हो रही है। कहां हो रही है हम से तो नहीं लिया गया है। उल्टा सीधा जोड़ घटाव बताकर लगभग 80 किलो हमारा नुकसान किया जा रहा है। इसमें जांच होनी चाहिए।

बारदाना की क्षमता 40 किलो, इसलिए इतना ही ले रहे- ऑपरेटर

बेंद्री धान खरीदी केंद्र के कंप्यूटर ऑपरेटर शिव दयाल साहू मौके पर मौजूद थे। उनका दावा था कि जो आदेश विभाग से मिलता है उसके अनुसार वो खरीदी करते हैं. वर्तमान में हम 19 क्विंटल 40 किलो धान खरीद रहे हैं।

जब धान खरीदी का सॉफ्टवेयर को देखा तो, सॉफ़्टवेयर में 19 क्विंटल 40 किलो स्पष्ट लिखा था। जबकि किसानों ने कहा था कि आज 19 क्विंटल 20 किलो खरीदा जा रहा है। यानी यहां भी 80 किलो कम धान खरीदा जा रहा है। सवाल करने कंप्यूटर ऑपरेटरों ने कहा कि 40 किलो के हिसाब से धान खरीदते हैं।

एक बारदाना 40 किलो का होता है। ऐसे में 20 किलो के लिए बारदाना आना नहीं है। इसलिए नहीं ले रहे हैं। इसी कारण 19 क्विंटल 20 किलो खरीद रहे हैं। ये हमारे खरीदी केन्द्र में ही नहीं बल्कि सभी खरीदी केंद्रों में इसी हिसाब से खरीदी हो रही है।

20 क्विंटल खरीदने का आदेश- खाद्य सचिव

मामले को लेकर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा से जानकारी ली गई। जिसमें उन्होंने बताया कि 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदने के लिए आदेश जारी हुआ है. धान खरीदी के प्रारंभिक दौर पर इस तरह की शिकायत मिली थी। जिसमें स्पष्ट कर आदेश जारी किया गया था।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय से जारी आदेश में प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदी करने का है तो विभाग के धान खरीदी एंट्री सॉफ़्टवेयर में 19 क्विंटल 40 किलो क्यों लिखा गया है ? धान खरीदी केन्द्र में किस हिसाब से अलग-अलग दिन प्रति एकड़ धान खरीदी तय किया जाता है ?

आखिरकार किसान के 80 किलो नुकसान के लिए जिम्मेदार कौन है ? विभागीय आदेश के मुताबिक कुछ और हो ही रहा है। देखना होगा कि अब विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।

ग्राम अछोली के किसानों का डाटा बेलटुकरी उपार्जन केन्द्र में नहीं किया ट्रांसफर

अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा

प्रशासन धान खरीदी शुरु होने से पहले और नया उपार्जन केन्द्र खोलने से पहले सभी तैयारी करने का दावा करती है और आला अधिकारी एक माह पहले से ही तैयारियों की समीक्षा बैठक करते रहते हैं। उसके बावजूद भी खरीदी शुरु होने के 20 से 23 दिन बाद भी किसान को धान बेचने में दिक्कत आना और किसानों का शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाना प्रशासनिक अमले के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है।

महासमुंद जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा अन्नदाताओं को उठाना पड़ रहा है। ग्राम अछोली के 483 किसान अपने खून-पसीने से उगाई गई धान को समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्र में नहीं बेच पा रहे हैं।

वहीं सवाल अब ये खड़ा हो रहा है कि आखिर अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को क्यों उठाना पड़ रहा है और इन जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी, जिनकी वजह से किसान दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं।

दरअसल, ग्राम अछोली मे 5.39 हेक्टेयर में 483 किसानों ने धान का उत्पादन किया है. सभी किसानों का 26 हजार 900 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर शासन को खरीदना है। ग्राम अछोली के किसान वर्षों से अपने धान को उपार्जन केन्द्र भोरिंग में बेचते आ रहे हैं। वहीं गांव वालों ने बेलटुकरी में नया धान उपार्जन केन्द्र खोलने की मांग की थी।

शासन ने इस साल ग्राम बेलटुकरी और अछोली के किसानों के लिए बेलटुकरी में नया धान उपार्जन केन्द्र खोल भी दिया। नियमानुसार बेलटुकरी में नया धान उपार्जन केन्द्र खुलते ही ग्राम अछोली के सैकड़ों किसानों का डाटा भोरिंग उपार्जन केन्द्र से नए उपार्जन केन्द्र बेलटुकरी स्थानांतरित कर देना था।

लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण ग्राम अछोली के किसानों का डाटा आज तक बेलटुकरी उपार्जन केन्द्र में नहीं ट्रांसफर किया गया। जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है.

कब होगी खरीदी

वर्तमान स्थिति में अछोली के 483 किसान अपना धान न तो भोरिंग और न ही अछोली में बेच पा रहे हैं। भोरिंग उपार्जन केन्द्र के कर्मचारी ये कह कर धान नहीं खरीद रहे हैं कि, इनका डाटा बेलटुकरी उपार्जन केन्द्र में चला गया है। वहीं बेलटुकरी उपार्जन केन्द्र के कर्मचारी इसलिए धान नहीं खरीद रहे हैं कि, इन किसानों का डाटा ऑनलाइन उनके उपार्जन केन्द्र में नहीं दिखा रहा है। किसान एक नवंबर से धान बेचने के लिए दोनों उपार्जन केन्द्र और शासकीय कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वहीं इस मामले में कोई भी शासकीय कर्मचारी और अधिकारी ये बता पाने में सक्षम नहीं है कि आखिर इन किसानों की धान कब तक खरीदी जाएगी।

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