जम्मू कश्मीर। राजौरी जिले में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ गुरुवार सुबह धर्मसाल बेल्ट के बाजीमल इलाके में एक बार फिर से शुरू हो गई। आज 2 आतंकी मारे गए हैं। अधिकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों ने रात में इलाके की घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया। आतंकवादी इस इलाके से भागकर दूसरी तरफ न चले जाएं इसके लिए पूरे इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है। हर तरफ सेना के जवान मौजूद हैं और चारों ओर पैनी निगाह रखी जा रही है। बताया जा रहा है कि इलाके में 2 से 3 आतंकियों के छुपे हैं।

सेना के अधिकारी ने बताया कि रियासी-राजौरी-पुंछ इलाकों में सड़क कनेक्टिविटी सीमित है, जिसकी वजह से इस ऑपरेशन को अंजाम देने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घने जंगलों का वजह से आतंकियों को छिपने और भागने में आसानी होती है। सेना के जवानों ने आज मुठभेड़ में क्वारी को मार दिया। बताया जा रहा है कि क्वारी जंगलों में बनी गुफाओं में सुरक्षा बलों की नजरों से बचने के लिए छुपता रहा, लेकिन आखिर कार सेना के हाथों मारा गया।

क्वारी लश्कर का टॉप कमांडर है और पाकिस्तान का रहने वाला है। इसे डांगरी और कंडी में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। क्वारी को आईईडी एक्सपर्ट के तौर पर और ट्रेंड स्नाइपर के तौर पर जाना जाता है। राजौरी और पूंछ के इलाके में अब तक सुरक्षाबलों ने 20 से ज्यादा आतंकियों को न्यूट्रलाइज किया है।

दो कैप्टन सहित चार जवान शहीद

आपको बता दें कि बुधवार को राजौरी जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो कैप्टन सहित चार जवान शहीद हो गए थे। सभी घायलों को उधमपुर में सेना के कमांड अस्पताल में भेज दिया गया है। जहां उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं सेना के जवानों ने भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना के जवानों ने आतंकियों को घेर रखा है।

सेना की व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया साइट एक्स(पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर रविवार को राजौरी के गुलाबगढ़ जंगल के कालाकोट इलाके में संयुक्त अभियान शुरू किया गया। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बीते रविवार से ही इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया था। लोगों ने मुताबिक उन्हें घरों से बाहर न निकलने के लिए भी कहा गया था।

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