टीआरपी डेस्क। सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिक 15 दिनों से फंसे हैं। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है। सुरंग में फंसे श्रमिकों को आज नाश्ते में ब्रेड, दलिया, जैम दिया गया। जबकि लंच में सब्जी, दाल, रोटी और चावल भेजे गए हैं।

चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। पखवाड़े भर से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का रेस्क्यू जारी है लेकिन ड्रिलिंग के लगातार अवरुद्ध होने से देरी हो रही है। हालांकि मजदूरों का स्वास्थ ठीक है और उन्हें पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है।

सिलक्यारा खोज बचाओ अभियान में नागपुर से कोल इण्डिया लिमिटेड की टीम भी सिलक्यारा उत्तरकाशी पहुंची है। यह टीम वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद श्रमिकों को बाहर निकलने वाले कैप्सूल का डिजाइन कर रही है। इस टीम में चार विशेषज्ञ आए हैं।

बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक करीब 4 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का कार्य बीआरओ ने शुरू कर दिया है। बीआरओ के ओसी मेजर नमन ने बताया कि बड़कोट की ओर से बीआरओ ने करीब 1 किलोमीटर की सड़क तैयार कर दी है। आगे सड़क बनाने की कार्यवाही चल रही है। बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य ओएनजीसी को सौंपा गया है। इससे पहले बीआरओ ने सिलक्यारा की तरफ 1.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण 48 घंटे में किया।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
 पर