रायपुर। 90 विधानसभाओं में 29 नवंबर तक सभी श्रेणियों के कुल 103463 डाक मतपत्र प्राप्त प्राप्त हो चुके हैं। इसमें सेवा मतदाताओं के ईटीपीबी, निर्वाचन ड्यूटी कर्मचारियों के सुविधा केन्द्रों से प्राप्त डाक मतपत्र और अनुपस्थित श्रेणी के 80+, दिव्यांग एवं अनिवार्य सेवा मतदाताओं के प्राप्त डाक मतपत्र सभी शामिल है।

भाजपा ने जताया है संशय

बड़ी संख्या में डाक मतपत्र इस बार की मतगणना में डाक मतपत्रों पर लोगों की विशेष नजर रहेगी। विपक्ष ने डाक मतों की स्थिति को संशय पूर्ण बताया है। इसलिए मत गणना ट्रेनिंग में भी इसे लेकर गंभीरता बरती जा रही है।

सबसे पहले होगी डाक मतपत्रों की गिनती

मास्टर ट्रेनर्स ने गणकों को ट्रेनिंग में बताया कि डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले होगी। डाक मतपत्रों की गणना रिटर्निंग ऑफिसर करेंगे, जिनके सहयोग के लिऐ विशेष सहायक रिटर्निंग आफिसर होंगे, इसके लिए अलग टेबल होगा। डाक मतपत्रों की वैधता के बारे में उनका निर्णय ही मान्य होगा। इस कार्य के लिए नियुक्त गणना पर्यवेक्षक और सहायक उनकी सहायता करेंगे।

दो वर्ग में हैं डाक मतपत्र

दरअसल डाक मतपत्र के दो वर्गों में हैं, ETPBS अर्थात इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट और साधारण डाक मतपत्र। इन दोनों में एक ही प्रत्यक्ष अंतर होगा, ईटीपीबीएस पर अभ्यर्थी के चुनाव चिह्न अंकित नहीं होंगे, पर दलीय संबद्धता (या निर्दलीय) का उल्लेख होगा। अन्य डाक मतपत्र पर चुनाव चिह्न होगा पर दलीय संबद्धता नहीं लिखी होगी। बताया गया कि पूर्व-गणना परीक्षण के बाद ईटीपीबीएस को भी सामान्य डाक मतपत्र की ही तरह हैण्डल करना है। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती ही प्रारंभ होगी। सामान्यत: एक निर्वाचन क्षेत्र में डाक मतों की गणना के लिए प्रत्येक 500 प्राप्त मतों के लिए एक टेबल आबंटित होगा।

डाक मतपत्र में कलर कोड नहीं होगा लागू

प्रशिक्षण में बताया गया कि ईटीपीबीएस के लिए लिफाफों एवं मतपत्र के लिए कलर कोड लागू नहीं होता। मत के ख़ारिज होने के अन्य कारण ईटीपीबीएस पर भी यथावत लागू होंगे। डाक मतपत्र पर मतांकन के लिए कोई विशेष चिन्ह नहीं है। मतदाता द्वारा किसी भी चिन्ह का उपयोग अपने मतांकन के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में निर्देश केवल यह हैं कि निर्वाचक का चयन स्पष्ट परिलक्षित होता हो। किसी तकनीकी कारण से (घोषणा पत्र में त्रुटि, 13-सी में घोषणा पत्र न मिलने, निर्धारित रंग का लिफाफ़ा न होने आदि) गणना में शामिल न किए गये सभी डाक मतवाले लिफाफ़े गणना स्थल से हटा लिये जायेंगे और उन्हें एक अलग पैकेट में सुसंगत टीप के साथ सीलबंद किया जायेगा। शेष लिफाफ़ों के अन्यथा वैध पाये जाने पर सभी 13-सी वाले लिफाफ़े अपने 13-ए के साथ संलग्न करते हुए (गोपनीयता को दृष्टिगत रखते हुए) गणना स्थल से हटा दिए जायेंगे। इन्हें भी एक अलग पैकेट में सुसंगत टीप के साथ सीलबंद किया जायेगा। इसके बाद ही सभी 13-बी (भीतरी, छोटा लिफाफ़ा) खोला जायेगा और मतपत्र बाहर निकाला जायेगा।

ऐसे मतपत्र होंगे निरस्त

डाक मतपत्र (चाहे ईटीपीबी हो या सामान्य) उस स्थिति में अविधिमान्य होंगे जब मतपत्र ( ईटीपीबी को छोड़कर) पर आरओ के हस्ताक्षर की मुहर न लगी हो। एक से अधिक अभ्यर्थियों के नाम के समक्ष कोई निशान लगा हो। यदि एक से अधिक अभ्यर्थियों के नाम के समक्ष अलग-अलग निशान हो तब भी उसे अविधिमान्य किया जाएगा। किसी एक अभ्यर्थी के नाम के समक्ष लगा निशान दूसरे अभ्यर्थी के खाने तक इस प्रकार चला गया हो कि उसके चयन का निर्धारण कर सकना संभव न हो, या किसी भी अभ्यर्थी के नाम के समक्ष कोई निशान न लगा हो। मतपत्र पर किसी निशान से मतदाता की पहचान प्रकट होती हो। प्रशिक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ अबिनाश मिश्रा, रोजगार अधिकारी केदार पटेल, एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।