रायपुर। छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर को मतगणना के बाद हार जीत का फैसला हो चुका है। 90 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कड़ी शिकस्त देकर कांग्रेस को पराजित कर 55 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। वहीं कांग्रेस को 35 सीटें मिली है। छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा अपनी सरकार बनाने जा रही है। केंद्रीय नेतृत्व की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बैठकें हो रही है जिस पर आज बड़ा फैसला हो सकता है । मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद भाजपा की सरकार जल्द ही छत्तीसगढ़ की बागडोर अपने हाथों में ले लेगी और मंत्रीमंडल के सहयोग से जनता के बीच किए गए वायदों के साथ अपना कामकाज शुरू करेगी।


वहीं 35 सीटों पर जीत कर आई कांग्रेस अब विपक्ष की भूमिका में रहेंगे। इस बीच छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद अब कांग्रेस पार्टी में नेता प्रतिपक्ष को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर कौन होगा पार्टी का मुखिया नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में कांग्रेस के कई नाम सामने आ रहे हैं। इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। वहीं पूर्व मंत्री उमेश पटेल के नाम भी चर्चा हो सकती है। इनके अलावा आदिवासी नेताओं में कवासी लखमा की भी दावेदारी हो सकती है।

वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का इशारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ है, लेकिन छत्तीसगढ़ के विधानसभा में मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया हो, ऐसा कभी नहीं हुआ। ऐसे में अब कांग्रेस की नजर ऐसे वर्तमान विधायकों पर हैं, जो कि विधानसभा की कमान संभाल सकने के लिए योग्य हैं। कांग्रेस के जिन 35 विधायकों ने जीत हासिल की है। इनमें से 14 पहली बार विधानसभा चुनकर आए हैं, वहीं 21 विधायकों में कई प्रत्याशी दूसरी बार विधायक बने हैं।