नई दिल्ली। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के चुनाव में संजय सिंह ने जीत दर्ज की थी, जो पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी रहे हैं। संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई रेसलर नाराज हैं। ये रेसलर्स काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सभी की मांग की थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए।

बजरंग पूनिया ने पीएम को लिखी चिट्ठी

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक ने गुरुवार को संन्यास का ऐलान कर दिया था। उसके अगले दिन रेसलर बजरंग पूनिया ने भी एक बड़ा कदम उठाते हुआ है। बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फैसला किया है। बजरंग ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी है।
पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी। पूनिया ने ये चिट्ठी भी X पर शेयर की है। बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है।’

गुरुवार को बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। संजय सिंह के चुनाव के बाद साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साक्षी ने रेसलिंग छोड़ने की घोषणा की थी। साक्षी ने कहा था, ‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन अगर बृज भूषण जैसे शख्स के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है, तो मैं कुश्ती छोड़ने का फैसला करती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।’ साक्षी इस दौरान काफी इमोशनल हो गई थीं।

साल 2019 में मिला था पद्मश्री

29 वर्षीय बजरंग पूनिया को साल 2019 में पद्मश्री मिला था। पूनिया ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। बजरंग ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था।

उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी थी।

फिर कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जीता गोल्ड

बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 मात दी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था।

बजरंग पूनिया जीत चुके हैं इतने पदक

ओलंपिक

  • टोक्यो ओलंपिक 2020 (65 किलो): ब्रॉन्ज

वर्ल्ड चैम्पियनशिप

  • बुडापेस्ट 2018 (65 किलो): सिल्वर
  • बुडापेस्ट 2013 (60 किलो): ब्रॉन्ज
  • नूर-सुल्तान 2019 (65 किलो): ब्रॉन्ज
  • बेलग्राद 2022 (65 किलो): ब्रॉन्ज

एशियन गेम्स

  • जकार्ता 2018 (65 किलो): गोल्ड
  • इंचेयॉन 2014 (61 किलो): सिल्वर

कॉमनवेल्थ गेम्स

  • गोल्ड कोस्ट 2018 (65 किलो): गोल्ड
  • बर्मिंघम 2022 (65 किलो): गोल्ड
  • ग्लास्गो 2014 (61 किलो): सिल्वर

एशियन चैम्पियनशिप

  • नई दिल्ली 2017 (65 किलो): गोल्ड
  • शियान 2019 (65 किलो): गोल्ड
  • अस्ताना 2014 (61 किलो): सिल्वर
  • नई दिल्ली 2020 (65 किलो): सिल्वर
  • अल्माटी 2021 (65 किलो): सिल्वर
  • उलानबटार 2022 (65 किलो): सिल्वर
  • नई दिल्ली 2013 (60 किलो): ब्रॉन्ज
  • बिशेक 2018 (65 किलो): ब्रॉन्ज

कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप

  • ब्राकपेन 2017 (65 किलो): गोल्ड
  • सिंगापुर 2016 (65 किलो): गोल्ड

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