टीआरपी डेस्क। झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के परिवार से जुड़े झारखंड, ओडिशा और बंगाल के ठिकानों पर पिछले दिनों की गई छापेमारी और नोटों की भारी बरामदगी के संबंध में आयकर विभाग ने गुरुवार को आधिकारिक रूप से जानकारी दी।

विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि देसी शराब के निर्माण और व्यवसाय से जुड़े इस व्यावसायिक समूह के ठिकानों पर छापेमारी के क्रम में आयकर विभाग को बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं।

कई दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी जब्त

छापेमारी के क्रम में कई दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों का प्रारंभिक विश्लेषण करने से देसी शराब की बेहिसाब बिक्री के रिकार्ड का पता चला है, जिसकी आय छिपाई गई है। इसके साथ ही कंपनी संचालकों को होने वाली अघोषित नकदी आय और बेहिसाब नकदी की आवाजाही का भी विवरण मिला है।

समूह की व्यावसायिक गतिविधियों को देखने वाले मुख्य कर्मचारियों ने यह स्वीकार भी किया है और तलाशी अभियान के दौरान मिली और जब्त की गई नकदी इसे प्रमाणित भी करती है। इस समूह अपनी कई व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से आय होती है। इसकी पुष्टि परिवार के एक सदस्य ने की जो व्यवसाय में सक्रिय रूप से शामिल है।

तथ्यों से क्या संकेत मिला?

तलाशी अभियान के दौरान सामने आए तथ्यों से संकेत मिलता है कि शराब के कारोबार से होने वाली भारी आय को समूह ने आयकर विभाग से छिपाया है। तलाशी अभियान के दौरान 351 करोड़ रुपये से अधिक अघोषित नकदी भी जब्त की गई है। साथ ही भारी मात्रा में आभूषण भी जब्त किए गए हैं, जिनकी कीमत लगभग 2.80 करोड़ रुपये से अधिक है।

बरामद 351 करोड़ रुपये के नकद नोटों में का बड़ा हिस्सा लगभग 329 करोड़ रुपये जीर्ण-शीर्ण इमारतों के तहखाने जैसे कक्षों और छिपी हुई तिजोरियों से जब्त किए गए। ओडिशा के बलांगीर जिले के सुदापाड़ा, टिटलागढ़ और खेतराजपुर तथा संबलपुर में जिन घरों से मोटी रकम की बरामदगी हुई, वह छोटे शहरों में एकांत-निर्जन स्थान में हैं।

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