0 फर्जी किसानों को भुगतान के मामले में नोडल अधिकारी निलंबित
0 किसानों की जमीन का 800 एकड़ रकबा बढ़ाया, 4 प्रबंधकों पर गिरी गाज
0 कांग्रेस विधायक का प्रबंधक भाई भी हुआ निलंबित

रायपुर/जांजगीर/सारंगढ़। छत्तीसगढ़ में सरकारी धान की खरीदी में जब से बोनस की राशि बढ़ाने का क्रम शुरू किया गया तब से फर्जीवाड़ा और भी बढ़ गया है। इस काम में लगे अधिकारियों-कर्मियों ने फर्जीवाड़े का तरीका भी बदल दिया है। सारंगढ़ जिले के 4 केंद्रों में उजागर हुए मामले में तो किसानों का कुल 800 एकड़ रकबा बढ़ा दिया गया है। वहीं जांजगीर जिले में फर्जी किसानों का खता होल्ड किये जाने के बावजूद लाखों रूपये का भुगतान कर दिया। प्रदेश में सत्ता बदलते ही अब कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है।

जिला सहकारी बैंक का नोडल अधिकारी निलंबित

जांजगीर-चांपा स्थित जिला सहकारी बैक के नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। यह मामला 145 किसानों के खाता के जरिये फर्जी तरीके से समर्थन मूल्य में धान बेचे जाने से जुड़ा है। जिला प्रशासन ने धान खरीदी में गड़बड़ी मिलने पर खातों में भुगतान पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद नोडल ने कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुए 61 लाख से अधिक राशि का अवैध तरीके से भुगतान कराया।

सहायक लेखापाल को बना रखा था नोडल अधिकारी

निलंबित किये गए नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय का मूल पद सहायक लेखपाल का है, जिसे नियुक्ति के बाद से ही जांजगीर-चांपा, जिला सहकारी बैक के नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दे दी गई। सहकारी बैंक में हुई फर्जी भर्ती में संदेही इस अधिकारी के खिलाफ कई गड़बड़ियों की जांच चल रही है, बावजूद इसके उसने लाखों रुपयों का भुगतान करवा दिया। सत्ता परिवर्तन के बाद अब जाकर उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है।

यह था पूरा मामला….

दरअसल, खरीफ सीजन 2021-22 में नवागढ़ तहसील अंतर्गत धान खरीदी केंद्र तुलसी और किरीत में शासकीय जमीन का पंजीयन कराकर फर्जी तरीके से किसानों का धान बिकवाया गया था। मामला उजागर होने के बाद कुल पांच लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई थी और गिरफ्तारी हुई थी। इधर फर्जीवाड़े की गूंज प्रदेश तक पहुंची और दोनों उपार्जन केंद्र में धान बेचने वाले सभी किसानों का रिकार्ड खंगाला गया। जिसमें 145 किसानों की खरीदी में गड़बडिय़ां मिली थी और उनके खातों में भुगतान और आहरण पर रोक लगा दी गई थी।

होल्ड राशि का भी कर दिया भुगतान

शासकीय भूमि का फर्जी पंजीयन कर अवैध बिक्री किये 145 कृषकों का होल्ड कर राशि आहरण भुगतान पर रोक लगाई गई थी। उक्त होल्ड और बोनस राशि को संबंधित किसानों को भुगतान किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर जिला स्तरीय जांच दल गठित कर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन के अनुसार होल्ड राशि रूपये 77 लाख 15 हजार 336 रूपये में से 61 लाख 62 हजार 888 रुपये ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के नाम पर जारी बोनस की राशि उक्त खातों में डाल दी गई और आहरण भी हो गया। अवैध आहरण कर भुगतान पाये जाने पर अश्वनी कुमार पाण्डेय नोडल अधिकारी के खिलाफ गड़बड़ी पाई गई, जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।

यहां आनन-फानन में की गई कार्रवाई..!

उधर सारंगढ़ जिले में आनन-फानन चार समितियों के सहायक प्रबंधकों की जांच करवाई गई और सबको हटा दिया गया। इनमें से एक तो सारंगढ़ विधायक का भाई है।

दरअसल किसानों के पंजीयन के बाद 3 दिसंबर तक चार समितियों में गड़बड़ी की फाइल पेंडिंग रही। जैसे ही राज्य में कांग्रेस की सरकार पलटी, वैसे ही सारंगढ़ में फाइल चलने लगी। कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ ने पहले कोसीर और गाताडीह के सहायक समिति प्रबंधक महेंद्र कुमार टंडन और राजेश रात्रे को पद से हटाया। इनमें से राजेश रात्रे सारंगढ़ की दूसरी बार विधायक बनीं उत्तरी गनपत जांगड़े का भाई बताया जा रहा है। इस मामले में तहसीलदार सारंगढ़ ने पंजीकृत कृषकों का रकबा सत्यापन कराया गया। गाताडीह में 2023-24 में 105 किसानों का 99.292 हेक्टेयर जमीन का दायरा बढ़ा दिया गया। इसी तरह कोसीर में 93 किसानों के रकबे में 155.2706 हेक्टेयर फर्जी रकबा जोड़ा गया। जांच में उजागर हुआ कि ऐसा करके लगभग 800 एकड़ जमीन का रकबा बढ़ा दिया गया। आगे चलकर इन जमीनों के आधार पर अतिरिक्त धान की खरीदी की जाती और रकम का गबन किया जाता।

किसानों की जगह कर्मचारियों का खाता नंबर

इस फर्जीवाड़े में एक और गड़बड़ी की गई। जिन किसानों के पंजीयन में फर्जी रकबा की वृद्धि की गई, उनके बैंक खाते की जगह समिति के कर्मचारियों के स्वयं का खाता नंबर डाला गया। धान खरीदी की रकम और बोनस को इन्हीं खातों में डाल कर रकम की हेराफेरी की जाती।

चारों को किया गया निलंबित

सारंगढ़ जिले के 4 खरीदी केंद्रों में फर्जीवाड़े की जांच पूरी होने के बाद चारों केंद्रों के प्रबंधकों को निलंबित कर दिया गया है। सारंगढ़ कलेक्टर फरिहा आलम सिद्दीकी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई।

लोन भी लिया, FIR का है प्रावधान

दरअसल किसानों का रकबा बढ़ाकर उस पर केसीसी लोन भी ले लिया गया है। सारंगढ़ में अपेक्स बैंक के पास सबका डाटा है, लेकिन कार्रवाई शून्य है। बैंकिंग नियमावली में ऐसे मामलों में वसूली और एफआईआर कराने का प्रावधान है। सारंगढ़ अपेक्स बैंक ने पुराने मामलों में भी अब तक रिकवरी नहीं की है। केसीसी लोन और खाद-बीज की रकम भी गबन कर ली गई है।

धान का अवैध संग्रहण पकड़ाया

उधर सरगुजा जिले में अवैध धान खरीदीबिक्री की सूचना पर प्रशासनिक टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। यहां खाद्य विभाग, मंडी तथा नागरिक आपूर्ति निगम की संयुक्त टीम ने विकासखण्ड लखनपुर के ग्राम डुमरघाट के ग्राम पंचायत कुन्नी के दुकानों में जांच की। यहां संतोष यादव के किराना दुकान एवं गोदाम में अवैध रूप से संग्रहित 432 बोरी धान पाया गया जिसका वजन 172 क्विंटल निकला। अवैध धान जब्ती की दूसरी कार्रवाई ग्राम कोटेया में की गई। नायब तहसीलदार ने बताया कि ग्राम कोटेया में निवासी मुकेश गुप्ता के दुकान और घर से 1100 बोरी धान अवैध रूप से भंडारित पाया गया। जब्त धान की मात्रा 444 क्विंटल है। तीन दिन पूर्व ही संयुक्त टीम ने दरिमा विकासखंड के ग्राम आमादरहा स्थित दुकानों से एक हजार बोरी अवैध धान जब्त किया था। दरअसल इस तरह का धान अवैध सस्ते में खरीद कर या दूसरे राज्यों से तस्करी करके लाया जाता है और फर्जी किसानों के खाते के नाम पर इन्हें सरकारी धान खरीदी केंद्रों में प्रबंधकों से मिलीभगत करके बेच दिया जाता है। प्रदेश भर में इस तरह के अवैध भण्डारण पर कार्रवाई चल रही है।