भोपाल। मध्य प्रदेश में आज सोमवार को सीएम मोहन यादव कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है। बता दें मोहन कैबिनेट का शपथ ग्रहण दोपहर साढ़े तीन बजे होना है। इस दौरान मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कुल 28 विधायक मंत्रिपद की शपथ लेंगे। जिसमे 18 कैबिनेट, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्य मंत्री शामिल होंगे।

यहां देखें मध्य प्रदेश में शपथ लेने वाले मंत्रियों की पूरी लिस्ट-
कैबिनेट मंत्री
1-प्रदुम्न सिंह तोमर
2-तुलसी सिलावट
3-एदल सिंह कसाना
4-नारायण सिंह कुशवाहा
5-विजय शाह
6-राकेश सिंह
7-प्रह्लाद पटेल
8-कैलाश विजयवर्गीय
9-करण सिंह वर्मा
10-संपतिया उईके
11-उदय प्रताप सिंह
12-निर्मला भूरिया
13-विश्वास सारंग
14-गोविंद सिंह राजपूत
15-इंदर सिंह परमार
16-नागर सिंह चौहान
17-चैतन्य कश्यप
18-राकेश शुक्ला
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार )
19-कृष्णा गौर
20-धर्मेंद्र लोधी
21-दिलीप जायसवाल
22-गौतम टेटवाल
23- लेखन पटेल
24- नारायण पवार
राज्यमंत्री-
25–राधा सिंह
26-प्रतिमा बागरी
27-दिलीप अहिरवार
28-नरेन्द्र शिवाजी पटेल
सांसद होते हुए भी विस चुनाव लड़ने वाली रीति पाठक को नहीं मिली जगह
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इस नए मंत्रिमंडल में सांसद होते हुए भी विधानसभा का चुनाव लड़ने वाली रीति पाठक को जगह नहीं दी गई है। बता दें बीजेपी ने सांसद होते हुए भी विधायकी का चुनाव लड़ने के लिए 7 दिग्गजों को चुनावी रण में उतारा था। इनमें से फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह चुनाव हार गए थे। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया है। ऐसे में बाकी के चार में से तीन सांसदों को बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है
कैलाश विजयवर्गीय को भी बीजेपी ने बनाया मंत्री
बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर आने वाले प्रह्लाद पटेल को मध्य प्रदेश में मंत्री बनाया है। उन्ही के साथ राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह को भी बीजेपी ने मंत्री बनाया है। ये दोनों भी सांसद होते हुए पार्टी के निर्देश पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे और जीते थे। वहीं इस लिस्ट में पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी शामिल है। विजयवर्गीय को भी बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री बनाया है।
बीजेपी केंद्र की राजनीति में शिवराज को करेगी इस्तेमाल!
इस लिस्ट में एक चौंकाने वाली जानकारी ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी लिस्ट से गायब है। इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी शिवराज सिंह चौहान को राज्य से निकालकर केंद्र की राजनीति में इस्तेमाल कर सकती है।