रायपुर । करारी हार के बाद पहला बदलाव प्रभारी बदलने के साथ हुआ अब कयास लगाए जा रहे है या यह तय माना जा रहा है कि सचिन पायलट के प्रभारी बनने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कई समीकरण बदलेंगे।

कई जिलों में जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। साथ ही मोर्चा, संगठन प्रकोष्ठ में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। आनन-फानन में छत्तीसगढ़ में बदलाव नहीं हुआ है एक सोची समझी योजना के तहत कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी बदला है।

कुमारी शैलजा की जगह अब राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रभारी बनाए गए है। पायलट के प्रभारी बनने से प्रदेश कांग्रेस का समीकरण कितना बदलेगा? और कौन-कौन से बदलाव हो सकते हैं यह सवाल अब प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में घूम रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश प्रभारी के रुप में पहला बड़ा बदलाव सामने आया है। हरियाणा की तेजतर्रार नेता कुमारी शैलजा के स्थान पर राजस्थान के युवा चेहरे सचिन पायलट को प्रभारी बनाया गया है।

इसी के साथ यह तय है कि सचिन पायलट के प्रभारी बनने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कई समीकरण बदलेंगे। कई जिलों में जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। साथ ही मोर्चा, संगठन प्रकोष्ठ में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है।

हालांकि सचिन पायलट के लिए सबसे बड़ी चुनौती लोकसभा चुनाव होगी। क्योंकि पिछली सभी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की 11 में 2 से अधिक सीटें नहीं जीत सकी। ऐसे में लोकसभा में बेहतर परफॉर्मेंस और सभी नेताओं को एकजुट करना बड़ी चुनौती होगी।

साथ ही हार से हताश कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाकर उन्हें एक्टिव करना भी बेहद अहम होगा। इसके लिए पायलट युवाओं को पार्टी में स्थान देने की रणनीति पर काम कर सकते हैं।

सचिन पायलट के प्रभारी बनने के बाद सभी वरिष्ठ नेता उन्हें बधाई देते नजर आ रहे हैं। साथ ही उनके आने से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ने की बात भी कह रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद प्रभारी का बदला जाना तय माना जा रहा था।

सचिन पायलट के रूप में नए प्रभारी का नाम तय होने से फिलहाल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह तो नजर आ रहा है, लेकिन पायलट सभी गुटों को साधने और वरिष्ठ नेताओं को साथ लाने में कितने सफल हो पाते हैं, इस पर सभी की निगाहें भी टिकी हुई हैं।

क्योंकि विधानसभा में करारी हार के बाद जो बवाल मचा है वह थमने की जगह दिल्ली में फूट पड़ा है।नाराज और निष्कासित विधायकों ने टिकट काटने के गम को आभी तक नहीं पचा पा रहे है। अब सचिन पायलट कौन सी गोली लाते है जो गुटों और नाराजों की तबीयत दुरूस्त करने वाली गोली लाते है जो मददगार साबित होगा।

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