नई दिल्ली। शनिवार को भारत आ रहे व्यापारिक जहाज पर किए गए ड्रोन हमले पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार इस हमले को गंभीरता से ले रही है, जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है उन्हें हम सागर तल से भी ढूंढ निकालेंगे।

मंगलवार को INS Imphal के कमीशनिंग के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, “आजकल समंदर में हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है। भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताकत ने कुछ ताकतों को ईर्ष्या और द्वेष से भर दिया है। अरब सागर में हाल में हुए ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और कुछ दिन पहले लाल सागर में ‘एमवी साई बाबा’ पर हुए हमले को भारत ने बहुत गंभीरता से लिया है।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “भारतीय नौसेना ने समुद्र की निगरानी बढ़ा दी है। जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है उन्हें हम सागर तल से भी ढूंढ निकालेंगे और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

समुद्री रास्ते को सुरक्षित बनाए रखेंगे : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत पूरे इंडियन ओशियन रीजन (IOR) में Net Security Provider की भूमिका में है। हम सुनिश्चित करेंगे कि इस इलाके में होने वाला समुद्री व्यापार सागर से उठकर आसमान की बुलंदियों तक पहुंचे। इसके लिए हम मित्र देशों के साथ मिलकर Sea Lanes को maritime commerce के लिए Safe और Secure बनाए रखेंगे।

शनिवार को अरब सागर में ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन से हमला किए जाने की खबर आई थी। यह जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से भारत के मंगलौर आ रहा था। यह हमला गुजरात के वेरावल से 200 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में किया गया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस व्यापारिक जहाज पर मास्टर सहित 21 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सवार थे। ड्रोन हमले के बाद जहाज में आग लग गई थी, लेकिन समय रहते आग को बुझा दिया गया था।

अमेरिका ने ईरान को ठहराया जिम्मेदार

अमेरिकी रक्षा विभाग ने ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। CHEM प्लूटो नाम के इस जहाज पर लाइबेरियाई झंडा लगा हुआ था, जिसका मालिकाना हक जापानी कंपनी के पास है और नीदरलैंड से संचालित होता है।

इस हमले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं और तमाम आशंकाएं जताई जा रही हैं। पहला शक ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर है। क्योंकि ‘एमवी केम प्लूटो’ जहाज पर यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब हाल ही में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर जाने वाले जहाजों को निशाना बनाने की चेतावनी दी थी।

हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई व्यापारिक जहाजों को अपना निशाना भी बनाया था। जिस वजह से व्यापारिक जहाजों को रूट बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अभी बीते नवंबर में ही हूती विद्रोहियो ने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज को भी हाइजैक कर लिया था।

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