रायपुर। प्रदेश का सबसे बड़ा मल्टीलेवल पार्किंग राजधानी में बनाया तो गया, मगर अब यह अव्यवस्था का शिकार बन गया है। इस इलाके में संचालित प्रशासनिक कार्यालयों की वाहन पार्किंग को व्यवस्थित करने के लिए इस विशालकाय पार्किंग का निर्माण तो किया गया, मगर अव्यवस्था के चलते इसे निःशुल्क कर दिया गया। अब तो यहां की व्यवस्था और भी गड़बड़ हो गई है। आलम यह है कि यहां एक सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं है, जिसके चलते पार्किंग में छिटपुट चोरियां भी होने लगी हैं।

स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने किया था निर्माण

राजधानी के घड़ी चौक के इर्द-गिर्द कलेक्ट्रेट, SP कार्यालय, न्यायलय के अलावा तमाम कार्यालय और व्यावसायिक परिसर संचालित हैं। सभी कार्यालयों के सामने वाहनों की भीड़ के चलते भारी अव्यवस्था का आलम था। इसे देखते हुए यहां मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 27.8 करोड़ रूपये की लागत से करवाया गया। 2019 में बनकर तैयार हुए इस पार्किंग को प्रारम्भ में ठेके पर दिया गया और पार्किंग में ही गाड़ियां रखे जाने का प्रावधान किया गया।

नियम-कायदे तोड़ना लोगों की आदत में शुमार

यह कड़वा सच है कि किसी भी स्थान पर कोई नियम-कायदा लागू किया जाये तो लोग पहले दिन से ही उसे तोड़ना शुरू कर देते हैं। यही हाल इस मल्टीलेवल पार्किंग का भी हुआ। लोग पार्किंग ठेके का शुल्क बचाने के लिए, जल्दबाजी में कहीं भी गाड़ियां खड़ी करने लगे। ऐसे लोगों को रोकने के लिए कड़ाई की गई, ट्रैफिक और पुलिस के जवानों को लगाया गया। अवैध पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को उठाया गया, लोगों से जुर्माना वसूला गया। मगर कोई खास असर नहीं हुआ।

ठेकेदार ने छोड़ दिया काम

दरअसल कलेक्ट्रेट के गेट के सामने ट्रैफिक और पुलिस के जवानों को नियमित रूप तैनात किया जाने लगा, मगर फिर भी लोग यह कहकर अंदर पार्किंग करने लगे कि वे यहां के स्टाफ हैं। उनके ऐसा करने से दूसरे लोगों ने भी अंदर गाड़ी पार्किंग करना शुरू कर दिया। इससे पार्किंग ठेकेदार को नुकसान होने लगा। उसने जिम्मेदार अधिकारियों से अपनी समस्या बताई मगर उसका कोई हल नहीं निकला। बताया जाता है कि इसके बाद ठेकेदार ने यह काम छोड़ दिया। और फिर यहां का टेंडर लेने में किसी ने भी रूचि नहीं दिखाई।

निगम ने FREE कर दिया पार्किंग

इस तरह की अव्यवस्था के बीच ठेकेदारों के सामने नहीं आने के चलते नगर निगम रायपुर द्वारा इस पार्किंग को अब निःशुल्क घोषित कर दिया गया है। यहां अब ’12 घंटे निःशुल्क पार्किंग’ लिख दिया गया है। हालांकि अब भी यहां बड़ी संख्या में लोग अपने वहां पार्किंग करते हैं, मगर वाहनों की देखरेख करने वाला कोई भी यहां नहीं है।

इतने बड़े पार्किंग की कोई सुरक्षा नहीं..!

यह मल्टीलेवल पार्किंग नगर निगम रायपुर के जोन 04 में आता है, और इसकी देखरेख का जिम्मा भी इसी के अधीन है। यहां नियमित रूप से वहां पार्किंग करने वालों ने बताया कि प्रारम्भ में यहां एक सुरक्षा गार्ड तैनात किया गया था, मगर फिलहाल कोई भी सुरक्षा की व्यवस्था यहां नहीं है। इसके चलते अक्सर यहां पर लोगों की गाड़ियों से पेट्रोल और हेलमेट की चोरियां हो रही हैं।

इस संबंध में जब TRP न्यूज़ ने जोन 04 के आयुक्त राकेश शर्मा से पूछा, तब उन्होंने छूटते ही कहा कि वहां तो सुरक्षा गार्ड तैनात है। वे यह मानने को तैयार ही नहीं थे कि पार्किंग में सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं है। जबकि वास्तविकता तो यह है कि कुछ समय पहले तक एक दिव्यांग युवक अनधिकृत तरीके पार्किंग में रहकर यहां वाहनों को व्यवस्थित करता था और लोगों से पार्किंग शुल्क वसूल किया करता था। किसी ने दे दिया, किसी ने डांट कर भगा दिया। अब यह युवक भी यहां से गायब है, जिसके बाद पार्किंग की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है।

पार्किंग के ऊपर संचालित है BPO सेंटर

यह मल्टीलेवल पार्किंग फेल होने के बाद नगर निगम द्वारा इसकी ऊपरी मंजिल पर BPO सेंटर का संचालन शुरू किया गया है। यहां की व्यवस्था भी कुछ ठीक नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से पार्किंग में अवैध कृत्य होने की खबरें सामने आने लगी हैं। ऐसे में कॉल सेंटर में काम करने वाले युवाओं के साथ कोई अनिष्ट हो जाये तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

इस मल्टीलेवल पार्किंग को फ्री कर दिए जाने के बाद इससे पहले की स्थिति फिर से निर्मित हो गई है। कलेक्ट्रेट परिसर और उसके बाहर का भाग वाहनों से खचाखच भर जाता है, वहीं जिला पंचायत कार्यालय की ओर भी गाड़ियों की भीड़ होती है। करोड़ों की लागत से बनाये गए इस पार्किंग का उद्देश्य फ़िलहाल पूरा नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए नए सिरे से इसकी व्यवस्था लागू करनी चाहिए, अन्यथा आगे चलकर व्यवस्था और भी बिगड़ जाएगी।