सरायपाली। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में  कीमती जमीनों की रजिस्ट्री स्टाम्प शुक्ल में कटौती कर सस्ते दामों में कराई जा रही है। जमीन की रजिस्ट्री के दौरान उसकी कीमत कम बताकर स्टांप ड्यूटी की चोरी कर लिया जाता है पंजीयन दफ्तर पर इस तरह का खेल बदस्तूर जारी है। लोग रजिस्ट्री शुल्क बचाने के लिए स्टांप शुल्क कम कर देते हैं जिससे वास्तविक रुप से स्टांप शुक्ल के रुप में सरकारी खजानों तक राजस्व नहीं पहुंच रहा।इस तरह स्टांप शुक्ल की चोरी होने से सरकार को लाखों रुपए  का आर्थिक नुकासन पहुंच रहा है । रजिस्ट्री से होने वाला राजस्व कम होने के बाद इस मामले का बड़ा खुलासा हुआ है। इसी तरह का एक मामला सामने आया है जहां सरायपाली क्षेत्र में जमीन मालिक ने अपनी दो एकड़ जमीन बेच दी थी। जब उसने अपनी जमीन की रजिस्ट्री कराई गई तो उसमें उस जमीन पर साजा, भीरहा, साल, महुआ, तेंदु सहित विभिन्न पेड़ों के कोई भी पेड़ नहीं होने की जानकारी दी गई।

 रजिस्ट्री करने से पहले रजिस्ट्रार ने संबंधित क्षेत्र के पटवारी से मौके का सत्यापन कराया। लेकिन सत्यापन की रिपोर्ट में मौके पर कोई पेड़ नहीं दिखाए गए। यदि रजिस्ट्री करने के लिए मौके पर पेड़ दिखाए जाते तो प्रति पेड़ करीब पाच हजार रुपये के हिसाब से स्टांप शुल्क जमा करना पड़ता. जो की पेड़ छिपाने से स्टाप शुल्क नहीं दिया गया। सूत्रों की मानें तो मौके पर कई दर्जन पेड़ मौजूद है. एसडीएम कार्यालय के संज्ञान में भी कुछ लोगों ने यह मामला लाया है. भूमि से वृक्षों को छुपाते हुए जिस तरिके से रजिस्ट्री कराई गई और इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया है. इस मामले में एसडीएम ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और पंजीयक से इस संबंध में जवाब लिया जाएगा।