अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके किसानों को बैंक से रुपए निकालने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जरूरत के हिसाब से किसान रुपए नहीं निकाल पा रहे हैं। बैंक से रुपए निकाल कर कोई घर बनवाना चाहता है तो कोई गाड़ी खरीदने, विवाह या अन्य कामों के लिए रुपये निकालना चाहता है, मगर मांग के अनुरूप नगदी नहीं मिलने के चलते बैंक प्रबंधन भी लाचार है।

हर रोज मात्र एक करोड़ की नगदी ही मिल रही है, जबकि मांग दो से ढाई करोड़ की है । नगदी कम मिलने और उसकी मांग ज्यादा होने के कारण बैंक प्रबंधन ने राशि निकालने की सीमा निर्धारित कर दी है । किसानों को मात्र 30 हजार रुपये तक का ही भुगतान किया जा रहा है । किसानों का कहना है कि जब वो आवश्यकता के अनुरूप तीस हजार से अधिक की रकम निकालने के लिए पर्ची भर रहे हैं, तो बैंक कर्मी उसे अस्वीकार कर दोबारा पर्ची भरवा रहे हैं. बैंक कर्मी खुद को 30 हजार रुपये तक की नगदी ही दे पाने में समर्थ बता रहे हैं ।

बैंक से निकल रहे केवल 30 हजार
ऐसी स्थिति में अधिक रकम की जरूरत पड़ने पर किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसान पर्ची रिजेक्ट किए जाने के चलते बार-बार पैसा निकालने के लिए पर्ची भरने के लिए भी मजबूर हो रहे हैं । इधर काउंटर की कमी के चलते पहले से ही लेन-देन में किसानों को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है. कई घंटे भीड़ में धक्के खाने के बाद जब किसान काउंटर पर पहुंचते हैं, तब पता चलता है कि उन्हें 30 हजार से अधिक नहीं मिलेगा ।

रकम के लिए एक सप्ताह और करना पड़ेगा इंतजार
किसान शिवकुमार ने बताया कि उनके खाते में एक लाख से अधिक रकम जमा है. उन्हें जरूरी काम के लिए तत्काल 50 हजार रुपये की जरूरत है, मगर बैंक में मात्र 30 हजार रुपये ही मिलने के चलते उन्हें शेष रकम के लिए अब अगले सप्ताह तक का और इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि वो सुबह साढ़े आठ बजे से ही रकम के लिए बैंक पहुंचे हुए थे, लेकिन रुपये निकालने तक शाम हो गई. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा ।

खाते में हैं तीन लाख, जरूरत पर एक लाख भी नहीं मिल रहा
किसान लल्लू राम ने बताया कि वो हर साल समर्थन मूल्य पर धान को बेचते हैं, जिससे उनके खाते में वर्तमान समय में लगभग तीन लाख रुपये जमा हैं. वर्तमान समय में उन्हें घर बनवाने के लिए कम से कम एक लाख रुपये नगद की जरूरत है, मगर बैंक से उन्हें मात्र तीस हजार रुपये ही मिले। उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुरूप राशि नहीं मिलने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है।

बैंक में लग रही भारी भीड़
वहीं एक और किसान गोवर्धन राजवाड़े ने बताया कि उनके खाते में भी एक से डेढ़ लाख रुपये हैं. उन्हें वाहन खरीदने के लिए नगद 50 हजार रुपये की जरूरत थी, मगर उन्हें मात्र तीस हजार रुपये ही मिल पाए हैं । खाते में पर्याप्त रकम होने के बाद भी बैंक से आवश्यकता के अनुरूप रुपये नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी दक्कितों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस संबंध में जिला सहकारी बैंक की प्रबंधक ने बताया कि वर्तमान समय में यहां नगदी निकालने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ रही है।

उन्होंने बताया कि चेस्ट बैंक से उन्हें प्रतिदिन एक करोड़ की नगदी मिल रही है । यह राशि मांग के अनुरूप पर्याप्त नहीं है, जिसके कारण नगदी आवंटन की सीमा निर्धारित की गई है. किसानों को इससे अधिक रकम की जरूरत होने और आपात स्थिति में एक से डेढ़ लाख रुपये का भी भुगतान हो रहा है । उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की कमी होने के चलते सिर्फ एक काउंटर है, जिसके कारण लेनदेन में असुविधा हो रही है. इससे किसानों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।