UNSC में भारत का स्थायी सदस्य न होना बकवास

नई दिल्ली। टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में वैश्विक देशों के सदस्यों के बारे में अपनी बात रखी है और उन्होंने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का जोरदार समर्थन किया है।

दरअसल, बीते दिनों US के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूएनएससी में अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व पर अफसोस जताया था। इसी पर टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्य न होना बिल्कुल बकवास है। साथ ही उन्होंने UNSC में अफ्रीका की भी पैरवी की।

एलॉन मस्क ने कहा कि अब संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी संस्थाओं के पुनर्गठन की जरूरत है। समस्या ये है कि वैसे देश जिनके पास अधिक शक्ति है वे इसे अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश होने के बावजूद UNSC में भारत का स्थायी सदस्य न होना बकवास है।

मस्क ने कहा कि अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से जगह मिलनी चाहिए। इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद ने स्थायी यूएनएससी सीट के बारे में बात करते हुए कहा कि दुनिया आसानी से चीजें नहीं देती, कभी-कभी लेना भी पड़ता है।

UN के सेक्रेटरी जनरल के ट्वीट के बाद छिड़ा विवाद

जानकारी के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने UNSC के स्थायी सदस्य देशों में कोई भी अफ्रीकी देश का प्रतिनिधित्व न होने पर अफसोस जताते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि हम यह कैसे मान सकते हैं कि अफ्रीका में अभी भी सुरक्षा परिषद में एक भी स्थायी सदस्य नहीं है?

उन्होंने आगे कहा कि संस्थानों को आज की दुनिया के हिसाब से काम करने चाहिए न कि 80 पहले बनाए नियमों के हिसाब से काम करना चाहिए। सितंबर का भविष्य शिखर सम्मेलन वैश्विक शासन सुधारों पर विचार करने और विश्वास के पुननिर्माण का मौका होगा।

गुटेरेस की इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी मूल के इजरायली उद्योगपति माइकर इसेनबर्ग ने पूछा कि आपका भारत के बारे में क्या ख्याल है। बेहतर ये होगा कि UN को खत्म कर देना चाहिए और रियल लीडरशिप के साथ कुछ नया बनाया जाना चाहिए।

क्या है UNSC

आपको बता दें कि सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का निकाय है जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए काम करता है। इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिसमें पांच स्थायी और 10 गैर-स्थायी सदस्य होते हैं। स्थायी सदस्यों में यू.एस, यूके, चीन, फ्रांस और रूस शामिल हैं, जिनके पास वीटो पावर होता है। साथ ही 10 गैर-स्थायी सदस्यों को महासभा के सदस्यों को दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

बता दें कि UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए भारत ने कई मंचों पर अपनी दावेदारी पेश की है। लेकिन चीन समेत कुछ देश भारत की मुहिम में अडंगा लगाते रहते हैं।