नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कहा कि हसदेव में जंगलों की कटाई, आदिवासी तथा किसानों के साथ लगातार बर्बरतापूर्ण व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।

विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद कटाई खतरनाक

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के आप विधायक कुलदीप कुमार व छत्तीसगढ़ की प्रदेश सचिव, प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला ने कहा कि सरकार के वन्य जीव संस्थान की विशेषज्ञ की शोध रिपोर्ट में भी हसदेव के खनन को लेकर चेतावनी के बावजूद अडानी को मुनाफा देने के लिए जंगल की कटाई की जा रही है। भाजपा आदिवासी समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है।

प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हसदेव के जंगलों की कटाई और आदिवासी किसानो पर बर्बरता के लिए राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार दोषी है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ की सत्ता में नई सरकार के काबिज होते ही हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के युवा साथी रामलाल करियाम (ग्राम हरिहरपुर), जयनंदन पोर्ते (सरपंच ग्राम घाटबर्रा) और ठाकुर राम सहित अन्य आंदोलनकारी साथियों को पुलिस घर से उठाकर ले गई और गांव में भारी पुलिस फोर्स को तैनात करके परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी । भाजपा सरकार की इस दमनात्मक कार्रवाई का हम विरोध करते हैं और आदिवासी साथियों पर की गई बर्बरता की कड़ी निंदा करते हुए हसदेव के जंगल विनाश पर रोक लगाने की मांग करते है।

जनता को गुमराह करने का प्रयास

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने कटाई का आदेश दिया था जिसके विरुद्ध छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर हसदेव कटाई पर रोक लगा दी। उसने केंद्र सरकार को अनुरोध भी किया था कि इस पर रोक लगाई जाए। अफसोस आज छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है।

पेसा और भूअर्जन कानून का उल्लंघन

शुक्ला ने कहा, जिस जंगल के नाम पर मोदी ने आदिवासी समाज का वोट लिया आज उसे बीजेपी खत्म कर रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 26 जुलाई 2022 को सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए। पूरा क्षेत्र पांचवी अनुसूची में आता है और किसी भी ग्रामसभा ने खनन की अनुमति नहीं दी है। परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण के लिए खनन वनाधिकार कानून, पेसा अधिनियम और भू-अर्जन कानून – तीनों का उल्लंघन है। जिन जंगलों का विनाश किया जा रहा है, उसके प्रभावित गांव घाटबर्रा गांव को मिले सामुदायिक वन अधिकार पत्र को गैरकानूनी रूप से तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा ही निरस्त किया गया था, जिसका मामला पुन: बिलासपुर उच्च न्यायालय में लंबित है साथ हाल में ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अखबार की खबर के आधार पर संज्ञान लिया है।

बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट

प्रेस वार्ता में बताया गया कि हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ का समृद्ध वन क्षेत्र है, जहां हसदेव नदी और उस पर मिनीमता बांगो बांध का कैचमेंट है, जिससे 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। केंद्र सरकार के ही एक संस्थान “भारतीय वन्य जीव संस्थान” ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट होगा। प्रदेश में मानव-हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा, जिसे संभालना नामुमकिन जैसा होगा।