उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 16 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। इसमें डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव जैसे बड़े नेताओं की सीटों की घोषणा की गई है। INDIA गठबंधन की बैठकों के दौर के बीच ये लिस्ट जारी की गई है।

सपा की पहली लिस्ट में 11 OBC, 1 मुस्लिम, 1 दलित, 1 ठाकुर, 1 टंडन और 1 खत्री उम्मीदवार शामिल हैं। 11 OBC उम्मीदवारों में 4 कुर्मी, 3 यादव, 2 शाक्य, 1 निषाद और 1 पाल समुदाय से हैं। सपा ने अयोध्या लोकसभा (सामान्य सीट) पर दलित वर्ग के पासी प्रत्याशी को टिकट दिया है। एटा और फर्रूखाबाद में पहली बार यादव की जगह शाक्य बिरादरी के नेताओं को टिकट दिया गया है।

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 11 सीटें ऑफर की थीं। बीते दिनों ही यूपी में INDIA ब्लॉक के तहत सपा और रालोद का गठबंधन हुआ था जिसके तहत रालोद को 7 सीटें देने का ऐलान सपा अध्यक्ष ने किया था। हालांकि इस सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद यूपी में गठबंधन को लेकर सस्पेंस बन गया था। इस बीच अब अखिलेश यादव ने 16 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। यहां से सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट आती हैं। इसलिए राजनीति में कहावत भी है कि यूपी से ही दिल्ली का सफर तय होता है। यानी कि जिस पार्टी के पास यूपी में सबसे अधिक सीटें हों, उसका रास्ता प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए खुद बन जाता है।

किस उम्मीदवार को कहां से मिला टिकट-

-संभल से शाफिकुर रहमान बर्क

-फिरोजाबाद से अक्षय यादव

-मैनपुरी से डिंपल यादव

-एटा से देवेश शाक्य

-बदायूं से धर्मेंद्र यादव

-खीरी से उत्कर्ष वर्मा

-धौरहरा से आनंद भदौरिया

-उन्नाव से अनु टंडन

-लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा

-फर्रुखाबाद से नवल किशोर शाक्य

-अकबरपुर से राजारमपाल

-बांदा से शिव शंकर सिंह पटेल

-फैजाबाद से अवधेश प्रसाद

-अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा

-बस्ती से राम प्रसाद चौधरी

-गोरखपुर से काजल निषाद

2014 और 2019 में ऐसा रहा था परिणाम

2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने यूपी की 80 में से 73 सीटें जीती थीं। बीजेपी 71 और अनुप्रिया पटेल की अपना दल ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था, लेकिन 2019 के चुनाव में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के चलते बीजेपी का समीकरण गड़बड़ा गया था। ऐसे में बीजेपी गठबंधन 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें ही जीत सका था। इस तरह से 2014 की जीती अपनी 9 सीटें 2019 में गंवा दी थी।

2019 में बीजेपी इन 16 सीटों पर हारी

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, राययबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना इन 16 सीटों पर हार मिली थी। इन 16 सीटों में से 10 बसपा, पांच सपा और एक कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन बीजेपी ने उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर की सीट पर जीत हासिल कर ली। इस तरह से अब बीजेपी का फोकस 14 सीटों पर है, जिसके लिए मंथन किया जा रहा है।