राजनांदगांव। दक्षिण बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के बाद अबूझमाड़ के इलाके में बड़े आपरेशन की फोर्स ने तैयारी शुरू कर दी है। दक्षिण बस्तर के बीजापुर-सुकमा के सरहद में बसे नक्सल कमांडर हिड़मा के घर से 4 किमी पहले तक फोर्स पहुंच गई है। इस इलाके में CRPF को तैनात किया गया है। यह इलाका नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता है।

नक्सलियों में भगदड़ की स्थिति

सुरक्षा बलों के बढ़ते दखल के बाद नक्सली भागकर बस्तर के पश्चिमी क्षेत्र की ओर रूख करने की योजना में हैं। ऐसे में सेंट्रल की एजेंसियों से मिल रहे इनपुट के आधार पर केंद्र के साथ राज्य सरकार अबूझमाड़ इलाके को BSF के हवाले करने की योजना बना चुकी है। दरअसल राज्य में भाजपा सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद नक्सली अभियान तेज हो गया है। साथ ही नक्सलियों के छुपने के ठिकाने पर फोर्स का दखल बढ़ गया है। नक्सली अब नए ठिकानों की तलाश में पश्चिमी बस्तर यानी इंद्रावती टाईगर रिजर्व और गढ़चिरौली की सीमा से सटे अबूझमाड़ के जंगल में डेरा जमाने की फिराक में है।

संयुक्त बैठक में बनी सहमति

बताया जा रहा है कि बड़े नक्सल ऑपरेशन के लिए सीआरपीएफ के डीजीपी, रॉ के ज्वाईन डायरेक्टर और राज्य के डीजीपी की जगदलपुर में एक बैठक हो चुकी है। जिसमें पश्चिमी बस्तर में घुसने के पहले नक्सलियों को ठिकाने लगाने पर सहमति बनी है। पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स का यह संयुक्त अभियान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की निगरानी में होगा।

पिछले दिनों रायपुर दौरे में पहुंचे गृहमंत्री ने तीन साल के भीतर नक्सल समस्या को खत्म करने फोर्स को स्पेशल टॉस्क दिया है। पश्चिमी बस्तर का एक बड़ा हिस्सा घनघोर जंगल और दुर्गम पहाड़ों से घिरा हुआ है। फोर्स के लिए यह अभियान आसान नहीं होगा। आने वाले दिनों में बस्तर के जंगलों में फोर्स नक्सलियों पर कड़ा प्रहार करने की रणनीति के आधार पर हमला तेज करेगी।