रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अपनी खोई राजनीतिक जमीन पाने में जुटी कांग्रेस राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है। इस बीच लोकसभा की उम्मीदवारी पर टीएस सिंह देव ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता। लोकसभा सीटों के लिए चुने गए प्रत्याशियों के पक्ष में पार्टी के निर्देश पर चुनाव प्रचार करूंगा । टीएस सिंहदेव ने कहा कि वह निजी वजहों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वहीं बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से 2019 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे, कोटा के मौजूदा विधायक अटल श्रीवास्तव का कहना है कि कांग्रेस में नए पुराने योग्य प्रत्याशियों की कोई कमी नहीं है।

कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले 3 चुनावों से बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में भले ही कांग्रेस को पराजय मिली लेकिन वोट बढ़ने से नतीजे का मार्जिन घटा है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रेणु जोगी बीजेपी प्रत्याशी दिलीप सिंह जूदेव से मात्र 20081 वोटों से हारीं। इसके बाद 2014 के चुनाव में करुणा शुक्ला भाजपा के लखनलाल साहू से 176436 वोटों से पराजित हुईं। 2019 के चुनाव में वह स्वयं चुनाव लड़े तो जीत -हार का अंतर 141763 वोटों का रहा। विधानसभा चुनाव 2023 में पूरे लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस भाजपा से 99 हजार वोटों से पीछे है। यह स्थिति तब है जब बिलासपुर जिले की 6, मुंगेली और मरवाही को मिलाकर 8 सीटों में मात्र कोटा और मस्तूरी में कांग्रेस जीती है। जबकि छह सीटों पर भाजपा काबिज है।