भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक

नई दिल्ली। अमेरिकी की जो बाइडेन प्रशासन ने लगभग 4 अरब डॉलर की लागत पर भारत को MQ-9B ड्रोन बेचने पर अपनी मुहर लगा दी है। भारत को ड्रोन बेचने के अपने फैसले के बारे में अमेरिकी संसद कांग्रेस को सूचित करने के बाद बाइडेन प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं कहूंगा कि भारत के साथ हमारी साझेदारी हमारे सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है। भारत के साथ मिलकर काम करना हमारी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक है।’

संधू से अपने संबंधों की बात करते हुए मिलर ने आगे कहा, ‘हमारे निवर्तमान भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू के साथ घनिष्ठ कामकाजी संबंध रहे हैं। हमने उनके साथ मिलकर कई साझा प्राथमिकताओं पर काम किया है जिसमें एक स्वतंत्र, समृद्ध और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करना शामिल है। इसे सुनिश्चित करने में भारत की भूमिका भी शामिल है।’

उन्होंने कहा, ‘हम उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं और उनकी जगह लेने वाले राजदूत का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।’ तरनजीत सिंह संधू पिछले 35 सालों से विदेश सेवा में है। अमेरिकी राजदूत के रूप में उनकी नियुक्त डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान फरवरी 2020 में हुई थी। 31 जनवरी 2024 को बतौर राजदूत उनकी सेवाएं समाप्त हो गईं और अब वो रिटायर हो गए हैं।

एस जयशंकर के संबंधों पर भी बोले अमेरिकी प्रवक्ता

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मैथ्यू मिलर से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और विदेश मंत्री एस जयशंकर के रिश्तों को लेकर भी सवाल किया गया जिसके जवाब में मिलर ने कहा, ‘एंटनी ब्लिंकन के अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ करीबी कामकाजी संबंध हैं। दोनों जरूरी और अहम प्राथमिकताओं पर बातचीत करते रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, ‘जाहिर है, अमेरिकी विदेश मंत्री ने कई मौकों पर एस जयशंकर से मिलने के लिए भारत की यात्रा की है। भारतीय विदेश मंत्री कई बार अमेरिका भी आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर उन्होंने न्यूयॉर्क में भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात भी की है।’