सूरजपुर। आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए शहर के हृदय स्थल पर मोटी रकम खर्च कर जिला प्रशासन के द्वारा आयुर्वेद अस्पताल की स्थापना की गई थी, लेकिन यह चिकित्सालय परिसर असामाजिक तत्वों की वजह से बदहाल है। जिसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पुलिस को कई बार की गई। इसके बावजूद यह असामाजिक तत्व आज भी बेलगाम है। वहीं पुलिस पेट्रोलिंग कर शरारती तत्वों पर कार्रवाई की बात कर रही है। आयुर्वेद चिकित्सा देश की सबसे प्राचीन चिकित्सा है, जिसमें कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। इसी सोच के साथ जिला प्रशासन के द्वारा आयुर्वेदिक अस्पताल की शुरुआत की गई थी, लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से अब यह अस्पताल असामाजिक तत्व और नशेड़ियों का अड्डा बन गया है।

अस्पताल कैंपस में उपयोग की गई नशे के इंजेक्शन टैबलेट और सिरप की बोतले दिखना आम बात है। आयुर्वेद चिकित्सालय के प्रबंधन के अनुसार असामाजिक तत्व और नशेड़ी कैंपस के अंदर नशा करने के साथ ही लगातार अस्पताल में चोरीयों को अंजाम दे रहे हैं, जिसकी शिकायत थाने में भी की जा चुकी है। बावजूद इसके अभी भी यह अस्पताल कैंपस नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है। वहीं पुलिस विभाग का यह दावा है कि उनके द्वारा रात ही नहीं बल्कि दिन में भी पुलिस पार्टी के द्वारा पेट्रोलिंग की जाती है और अब स्पेशल टीम गठित कर ऐसे इलाकों में खास निगरानी रखी जाएगी, ताकि ऐसे असामाजिक और नशेड़ी लोगों पर कार्रवाई की जा सके।