नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के किसानों का नोएडा एक्सप्रेसवे पर धरना खत्म हो गया है। इससे करीब 6 घंटे से लगा जाम भी खुल गया है। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के कारण महाजाम की स्थिति बन गई थी। दिल्ली नोएडा में लोग दिनभर जाम से परेशान रहे। जानकारी के मुताबिक किसान रात 8 बजे नोएडा कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के साथ मीटिंग करेंगे। नोएडा कमिश्नर के आश्वासन पर किसानों ने एक्सप्रेसवे छोड़ दिया है

नोएडा कमिश्नर की निगरानी में एक कमेटी बनाई जाएगी। एक सप्ताह में किसानों की प्राधिकरण के अफसरों से बातचीत कराई जाएगी। इस बातचीत में शासन स्तर से मंत्री भी शामिल होंगे। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों पर किसानों का धरना जारी रहेगा।

बता दें कि पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए रूट्स को डायवर्ट कर दिया था। क्रेन, बुलडोजर, वज्र वाहन और ड्रोन कैमरे से निगरानी भी की गई थी। किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लंबा जाम लग गया। कई रूट्स को डायवर्ट कर दिया गया। ताकि, लोगों को थोड़ी कम परेशानी का सामना करना पड़े। दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजामों को बढ़ा दिया गया है। वहीं, पुलिस लगातार किसानों से बात कर रही है, ताकि वो अपने प्रदर्शन को रोक दें।

किसानों के प्रदर्शन से पहले सेक्शन 144 के तहत 5 से अधिक लोगों के एकसाथ जमा होने, धार्मिक और राजनीतिक सहित अन्य किसी भी प्रकार के जुलूसों पर रोक है। ट्रैफिक पुलिस ने दादरी, तिलपता, सूरजपुर, सिरसा, रामपुर-फतेहपुर और ग्रेटर नोएडा के अन्य मार्गों पर डायवर्जन के बारे में पब्लिक को आगाह किया था।

किसानों ने क्यों खोला मोर्चा?

किसान संगठन दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।किसान समूहों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए 7 फरवरी को ‘किसान महापंचायत’ बुलाया है और 8 को राजधानी दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया है।