कट्टरपंथी परेश बरुआ के साथ बातचीत के दरवाजे खुले

गुवाहाटी। सोमवार को राज्य विधानसभा में असम के संसदीय कार्य मंत्री पीजूष हजारिका ने कहा कि राज्य सरकार कट्टरपंथी उल्फा (इंडिपेंडेंट) के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है और उसके अध्यक्ष परेश बरुआ के साथ बातचीत के दरवाजे खुले हैं।

हजारिका ने कहा कि संगठन के वार्ता समर्थक समूह के साथ शांति समझौते पर दस्तखत हो चुके हैं, वहीं बरुआ की अगुवाई वाला धड़ा बातचीत के दायरे से बाहर रहा है। उल्फा के साथ हाल में हुए त्रिपक्षीय शांति समझौते को लेकर बातचीत के जवाब में हजारिका ने कहा कि सरकार उल्फा (आई) के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। हजारिका मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की ओर से बातचीत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उल्फा दो गुटों में बंट गया है और अरबिंद राजखोवा तथा अनूप चेतिया की अगुवाई वाला गुट बातचीत के लिए आगे आया था और शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। बरुआ की अगुवाई वाला दूसरा धड़ा अभी तक बातचीत में शामिल नहीं हुआ है और वह खुद को उल्फा (आई) कहता है।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार परेश बरुआ से बार-बार अनुरोध कर रही है कि बातचीत के लिए आगे आएं और हमें लगता है कि अगर उनका धड़ा भी सामने आता है तो राज्य में शांति और बढ़ेगी।’’

यह मामला विपक्षी कांग्रेस के विधायक कमलाक्ष्य डे पुरकायस्थ ने उठाया था, जिन्होंने एक गुट के हस्ताक्षरकर्ता नहीं होने पर शांति समझौते की उपयोगिता पर आशंका जताई थी।