छत्तीसगढ़ सरकार से गोमाता को राजमाता का दर्जा देने मांग करेंगे

रायपुर। ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार से गोमाता को राजमाता का दर्जा देने मांग करेंगे, वेआज रायपुर पहुंचे। बेमेतरा और कवर्धा में आयोजित कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। इस दौरान उन्होंने गाय और नक्सलियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में गौहत्या हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।

हम छत्तीसगढ़ सरकार से गोमाता को राजमाता का दर्जा देने मांग करेंगे। जिससे केंद्र सरकार भी गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दे सके। आजादी का अमृतकाल चल रहा गौहत्या बंद नहीं हुई। जो गौ हत्यारी दलों के साथ होगा उसे हिंदू नहीं मानेंगे. गौ हत्यारी पार्टियों को जो वोट देंगे वह गौहत्या के पाप के भागी होंगे।

वहीं नक्सलियों को लेकर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग नक्सलवाद को बढ़ावा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दे रहे हैं। नक्सलियों से परायापन हटाना पड़ेगा और बातचीत करनी पड़ेगी। उनको मुख्यधारा में सम्मिलित करना पड़ेगा. संवाद स्थापित कर नक्सलियों के मन की गलत फैमियों को दूर करना पड़ेगा. नक्सलियों को भड़काने वाले नेताओं के ऊपर कड़ाई करनी पड़ेगी।

गौ हत्या बंद करने का शपथ पत्र देंः शंकराचार्य

लोकसभा को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव आने वाले हैं. इसलिए हम अमृत महोत्सव आजादी का मान रहे हैं। देश वाले भी और प्रदेश वाले भी. हम किसी पार्टी को ध्यान में रखकर नहीं बोल रहे हैं। हम चुनाव को ध्यान में रखकर के बोल रहे हैं। अपने हिंदू भाइयों को सनातन धर्मियों को ध्यान में रख करके बोल रहे हैं।

गौ माता का मुद्दा हमारा बहुत पुराना मुद्दा है. हमारे जाने कितने लोगों ने गौ माता के लिए अपना बलिदान दिया है। देश की आजादी भी गौ माता के लिए हुई थी। मंगल पांडे को जब कहा गया कि कारतूस को मुंह से खोलो, लेकिन उसमें गाय की चर्बी थी तो उन्होंने मना कर दिया। चर्बी से ही अंग्रेजों की क्रांति हुई थी।

गाय का बड़ा योगदान है। उसी गाय की हत्या भी देश में हो रही है. तब तक सब राजनीति बेकार है. इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि गो संसद करके हम प्रयाग से चले आ रहे हैं. 6 तारीख को वहां विराट गांव संसद हुई है। उसमें प्रस्ताव पारित हुआ है कि जो भी व्यक्ति गाय की हत्या से किसी भी रूप से जुड़ा हुआ है।

इसको हम हिंदू कहना बंद करेंगे. उसके साथ संबंध समाप्त करेंगे और साथ ही साथ यह कहा है कि गौ हत्यारी पार्टियों को जो जनता हिंदू जनता को वोट देगी वो भी पाप के भागीदारी होंगे. इसलिए चुनाव के पहले हम सभी राजनीतिक दलों से जो भी पार्टी चुनाव आयोग में पंजीकृत है उनसे कहना चाहते हैं कि शपथ पत्र दीजिए कि आप सत्ता में आए तो सबसे पहले काम आप यह करेंगे की गौ हत्या के कलंक को हम हमारे माथे से मिटाएंगे.। यह कर सकते हैं तो स्वागत है। नहीं तो हम समझेंगे कि आप हमारे विरोधी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जहां गायों के साथ अत्याचार हो रहा है वहां भी जाएंगे. यह गौ भक्त प्रदेश है। यहां गाय के प्रति अन्याय नहीं होता है. इसलिए हम चाहते हैं कि उन्हें पूर्ण रूप से संरक्षित किया जाए. इसीलिए हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार उनको राज्य माता घोषित करे. जिससे राष्ट्र माता घोषित करने में केंद्र सरकार को सुविधा हो.

यह हिंदुओं का अधिकार है

ज्ञानव्यापी में पूजा शुरू होने पर उन्होंने कहा कि इसी तरह की जितनी भी व्यापियां हैं, जहां-जहां हमारे साथ अत्याचार हुआ है, वहां-वहां हम फिर से जाएंगे। जाकर अपनी पूजा अर्चना प्रारंभ करेंगे। यह हिंदुओं का अधिकार है। हमारे ऊपर अत्याचार कर दिया जब तक हम नहीं बोल रहे थे नहीं बोल रहे थे। बोलेंगे तो हमारी अपनी शक्ति है। हमारा अधिकार बनता है कि हम अपने पुराने स्थान को वापस लें. इसमें खराबी क्या है।

लाभ के लिए राजनीति में धर्म का प्रयोग

राजनीति में धर्म के प्रयोग को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि राजनीतिक लोग अपने लाभ के लिए कर रहे हैं। जो भी मुद्दा लोगों के मन में होता है उसका प्रयोग करते हैं. राजनीतिक लोग धर्म का प्रयोग राजनीतिक लिए कर रहे हैं। इसका मतलब है।

जो भारत की जनता है उसके मन में धर्म प्रमुखता से छाया हुआ है. धार्मिक मामले उसके दिमाग में घुसते रहते हैं। इसीलिए राजनीतिक लोग इसका लाभ लेने के लिए धर्म का प्रयोग राजनीति में करते हैं।

धर्म को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि जहां वैमनस्यता फैले, कटुता फैले, विद्वेष फैले, अलगाव जारी हो इसका मतलब है वह धर्म नहीं है। धर्म तो सीमेंट है। जो दो ईटों को जोड़कर के एक बनाने का काम करता है। लेकिन यदि किसी कारण से देश में विद्वेष फैल रहा है, तो वह धर्म नहीं है. वह धर्म के नाम पर अधर्म है।