रायपुर। आज सोमवार को संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने ग्रीन कॉरिडोर बनाने को लेकर निर्देशित किया। उन्होंने कहा पहले की यदि बात करें तो यह सुविधा केवल बड़े लोगों को ही दी जाती थी। लेकिन अब भी कोई भी व्यक्ति सूचित कर ग्रीन कॉरिडोर बनवा सकता है। साथ ही डॉ. अलंग ने संभाग के सभी जिला अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इलाज के दौरान मरीजों की मौत का डेथ ऑडिट कराने के निर्देश दिए।

आगे डॉ. अलंग ने कहा कि, इस डेथ ऑडिट से मरीज के इलाज के विभिन्न चरणों का क्रमबद्ध ब्योरा पता लगेगा और इलाज के दौरान मृत्यु के कारणों को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने तकनीकी रूप से मरीजों का गंभीरता से इलाज करने के निर्देश डॉक्टरों को दिए। डॉ. अलंग ने शिशु मृत्यु, मातृ मृत्यु के साथ-साथ अन्य मरीजों की इलाज के दौरान मौतों को कम से कम करने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश भी चिकित्सकों को दिए। संभागायुक्त ने गंभीर मरीजों को समय पर बड़े अस्पतालों को रेफर करने को भी कहा, ताकि समय पर उन्हें उचित इलाज मिल सके और उनका जीवन बचाया जा सके।

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डॉ. अलंग ने मुलभुत सुविधाओं का लिया जायजा

इस महत्वपूर्ण बैठक में महासमुंद और रायपुर मेडिकल कॉलेजों के डीन, रायपुर और महासमुंद शासकीय अस्पतालों के अधीक्षक सहित मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन के कार्यपालन यंत्री, ब्लड बैंक के प्रभारी और यातायात पुलिस के उप पुलिस अधीक्षक भी शामिल हुए। बैठक में डॉ. अलंग ने मेडिकल कॉलेजों में ऑपरेशन थियेटरों की व्यवस्था, सर्जिकल उपकरणों के साथ-साथ होने वाले ऑपरेशनों और विशेषज्ञ सर्जन डॉक्टरों की उपलब्धता की जानकारी भी ली। उन्होंने ऑपरेशन थियेटरों को संक्रमण मुक्त रखने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं और दवाएं-रसायन आदि की पर्याप्त मात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की शिफ्टिंग का लिया जायजा

साथ ही संभागायुक्त ने अस्पतालों में विभागवार मरीजों की भर्ती, संस्थागत प्रसव, दिन और रात में सामान्य और सिजेरियन प्रसवों का पूरा रिकॉर्ड रखने के लिए भी कहा. डॉ. अलंग ने संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के प्रयास भी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों सहित दवाओं एवं अन्य संस्थागत निर्माण से जुड़े स्वीकृत और लंबित कार्यों की जानकारी भी ली। डॉ. अलंग ने भूमि विवाद, निर्माण कार्य के लिए स्थल चयन ना होने जैसे कारणों को जल्द से जल्द निराकृत करने के लिए संबंधित जिले के कलेक्टरों को पत्र से तत्काल सूचित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। संभागायुक्त ने चिकित्सा अधोसंरचना विस्तार के शुरू हो चुके निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

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एक फोन कॉल पर मिलेगी ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था

बैठक में संभागायुक्त ने जरूरत पड़ने पर ग्रीन कॉरिडोर बनाने की तैयारियों के बारे में भी यातायात पुलिस के अधिकारियों से जानकारी ली। यातायात पुलिस के उप अधीक्षक ने बताया कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति या अस्पताल एक फोन कॉल पर ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा ले सकता है। गंभीर मरीजों के इलाज और ट्रांसप्लांट के लिए अंगो का परिवहन करने जिला प्रशासन-पुलिस प्रशासन हमेशा सजग और तैयार है। दुर्ग से लेकर रायपुर तक इसके लिए समर्पित आठ हाइवे पेट्रोलिंग टीम हमेशा तैनात रहती है।

ग्रीन कॉरिडोर के लिए नंबर जारी

उप पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पिछले एक वर्ष में प्रशासन ने 57 बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंभीर मरीजों को ईलाज के लिए और अंगो को प्रत्यारोपण के लिए दूसरे शहरों में मरीजों तक निर्धारित समय सीमा से पहले पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि, जरूरत पड़ने पर व्यक्ति या अस्पताल ग्रीन कॉरिडोर बनाने पुलिस कंट्रोल रूम के फोन नम्बर 94791-91099 और उप पुलिस अधीक्षक यातायात के शासकीय नम्बर 94791-91018 पर फोन कर मांग कर सकते हैं।

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