डोंगरगढ़। Jain saint Vidyasagar Maharaj took Samadhi: दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का शनिवार रात 2.35 बजे छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में समाधि ले ली। पूर्ण जागरूकता की अवस्था में उन्होंने आचार्य का पद त्याग दिया और 3 दिनों तक उपवास और पूर्ण मौन रखा, जिसके बाद उन्होंने अपना जीवन त्याग दिया। उनके समाधि की खबर मिलते ही डोंगरगढ़ में जैन समाज के लोग जुटने लगे। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 1 बजे किया जाएगा।

Jain saint Vidyasagar Maharaj took Samadhi: कर्नाटक में जन्मे थे आचार्य विद्यासागर

Jain saint Vidyasagar Maharaj took Samadhi: आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन कर्नाटक के बेलगाम जिले के सदलगा गांव में हुआ था। विद्यासागर महाराज को 22 नवंबर 1972 को नसीराबाद, अजमेर, राजस्थान में आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज द्वारा आचार्य के रूप में दीक्षा दी गई थी। दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज देश के एकमात्र ऐसे आचार्य थे, जिन्होंने अब तक 505 मुनियों, आर्यिकाओं, ऐलकों, क्षुल्लकों को दीक्षा दी है।

Jain saint Vidyasagar Maharaj took Samadhi: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल 5 नवंबर को डोंगरगढ़ पहुंचे थे। इसी दौरान चंद्रगिरि पर्वत पर उनकी मुलाकात आचार्य विद्यासागर जी महाराज से हुई। प्रधानमंत्री ने उनका आशीर्वाद लिया और उनसे चर्चा की। bसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।