कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समाचार चैनल रिपब्लिक बांग्ला के रिपोर्टर संतू पान को जमानत दे दी। पुलिस ने उसे उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह उत्तर 24 परगना जिले के तनावग्रस्त संदेशखाली से रिपोर्टिंग कर रहे थे।

पुलिस की “अति-सक्रियता” पर लगाई फटकार

न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने संटू पान को जमानत देते हुए पत्रकार को गिरफ्तार करने में पुलिस की “अति-सक्रियता” पर उसे फटकार लगाई। न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने कहा कि एफआईआर से ऐसा लगता है कि आरोप अनुचित और प्रेरित हैं।

उन्होंने कहा कि एफआईआर से यह आसानी से समझा जा सकता है कि स्थानीय महिला का वह गुप्त बयान क्या हो सकता है जिसके आधार पर पान को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तारी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस पत्रकारों को गिरफ्तार कर रही है जबकि हमले का मुख्य आरोपी फरार है। न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने कहा, “घटनाओं का पूरा क्रम एक मजाक में बदल गया है। पुलिस वही करे जो उसे करना चाहिए।”

संतू पान के वकील महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि पान “प्रशासनिक उत्पीड़न” का सामना करने वाले एकमात्र पत्रकार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एक अन्य लोकप्रिय टेलीविजन चैनल के एक वरिष्ठ पत्रकार को भी धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया है और संदेशखाली थाने में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पान को जमानत दिए जाने पर संतोष व्यक्त किया है और कहा है कि उच्च न्यायालय के दयालु हस्तक्षेप के कारण लोकतंत्र का चौथा स्तंभ स्वतंत्र हो गया है।

बशीरहाट एसपी ने सोमवार को दावा किया था कि संतू पान को एक स्थानीय महिला द्वारा उनके और उनके कैमरामैन के खिलाफ दर्ज कराई गई अतिक्रमण की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया है।