रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में लोगो को सूखा राशन बांटने के लिए की गई खरीदी में गड़बड़ी किये जाने को लेकर विधानसभा में शिक्षा मंत्री द्वारा पिछले दिनों की गई घोषणा के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने विधिवत निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। इनमें प्रमोद ठाकुर, जीपी भरद्वाज और विनोद राय शामिल हैं।

भंडार क्रय नियम का नहीं किया पालन

इन तीनों DEO में निलंबन आदेश में उल्लेख है कि कोविड, 2019 के दौरान केन्द्रीय भण्डार, नेकॉफ एवं एन.सी.सी.एफ के माध्यम से सूखा राशन सामग्री की खरीदी की गई है, जो कि भण्डार क्रय नियमों के विपरीत खरीदी की गई। शासन ने इस कृत्य को छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के विपरीत कदाचार माना। दोषी साबित होने के बावजूद अब तक इन DEO के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं किये जाने का मुद्दा विधान सभा के इसी सत्र में उठा, जिस पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तीनों अधिकारियों को निलंबित करने की सदन से ही घोषणा कर दी।

इन संस्थाओं को अधिकारी मानते हैं सरकारी..!

दरअसल केन्द्रीय भण्डार, नेकॉफ एवं एन.सी.सी.एफ को छत्तीसगढ़ में अधिकारी सरकारी संस्था मानते हैं और इन्हीं संस्थाओं से खरीदी कर लेते हैं, जबकि ये संस्थाएं भंडार क्रय नियम के दायरे में नहीं आती। इससे पूर्व भी कई बार विभागों में अधिकारियों ने इनसे खरीदी की है। और बाद में मामला उजागर होने के बाद इनके खिलाफ कार्यवाही भी की गई है। बावजूद इसके जिम्मेदार लोगों ने इससे सबक नहीं लिया।

स्कूल शिक्षा विभाग ने जिन 3 DEO को निलंबित किया है, उन्होंने अपने कथन में बताया है कि उन्होंने उच्चाधिकारियों की अनुमति से ही कोरोना काल में टेंडर नहीं कराते हुए केन्द्रीय भण्डार, नेकॉफ एवं एन.सी.सी.एफ से राशन की खरीदी की है। बहरहाल उच्चाधिकारियों को तो बख्श दिया गया, और कार्रवाई उनके खिलाफ की गई, जिन्होंने ऊपर के आदेश से खरीदी की और राशन बंटवाया।