0 विधानसभा में मामला उठाये जाने के बाद हुई कार्यवाही
0 गलत मुआवजा बांटकर शासन को लगाया करोड़ों का चूना
0 अरपा भैंसाझार नहर निर्माण के लिए भू-अर्जन में की गड़बड़ी

बिलासपुर। बहुचर्चित अरपा भैंसाझार नहर निर्माण परियोजना में हुए घोटाले को विधानसभा में उठाये जाने के बाद बिलासपुर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में एक पटवारी को सस्पेंड कर दिया है। जबकि इस मामले में दर्जन भर अधिकारियों को दोषी पाया गया है, मगर इन सभी के खिलाफ कार्रवाई शासन स्तर पर लटकी हुई है।

10 करोड़ 68 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा

एक बार फिर चर्चा में आये में अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट में नहर निर्माण के मुआवजा वितरण में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने के मामले में कलेक्टर ने तत्कालीन पटवारी दिलशाद अहमद को सस्पेंड कर दिया है। जल संसाधान विभाग की जांच कमेटी ने 23 फरवरी 2023 को कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी थी। जांच में दोषी पाए गए अधिकारी व कर्मचारियों की सूची भी पेश की गई है। सूची सौंपने के साथ ही कमेटी ने कार्रवाई की अनुशंसा भी की है। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि 10 खसरा नंबर की 3.42 एकड़ जमीन का फर्जी तरीके से अधिग्रहण किया गया है। इसके एवज में भूमि स्वामियों को 10 करोड़ 68 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। ये ऐसी जमीन है जहां पर नहर का निर्माण ही नहीं किया गया है। ऐसा कर अफसरों ने बड़ी गड़बड़ी की है और भूमि स्वामियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है।

बिल्हा और तखतपुर विधायक ने उठाया मुद्दा

विधानसभा सत्र के दौरान बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक और तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने इस मुद्दे को उठाया। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि नहर निर्माण में गलत मुआवजा बांटने की अब तक न तो जांच कराई गई है और न ही दोषी अफसरों पर कार्रवाई की गई है। इस दौरान कार्य की प्रगति को लेकर भी सवाल उठाया गया, और इसे लेकर काफी बहस हुई। तब अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने विभागीय मंत्री केदार कश्यप से कहा कि वे स्पॉट पर अन्य विधायकों के साथ जाकर वस्तुस्थिति का आंकलन करें और कार्य की प्रगति बताएं।

कलेक्टर ने किया निरीक्षण, अधिकारियों पर भड़के

विधानसभा में मामला उठाये जाने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने करोड़ों की लागत वाली अरपा भैंसा झार परियोजना का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान परियोजना के काम में लेटलतीफी सहित अनियमितता बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी पर कलेक्टर जमकर भड़के। कलेक्टर ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी को शीघ्र कार्य पूरा करने की चेतवानी दी।

इन अफसरों पर कब गिरेगी गाज..?

अरपा भैंसाझार परियोजना में हुई गड़बड़ी की जांच में आरएस नायडू एवं अशोक कुमार तिवारी, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग कोटा, आरके राजपूत, उप अभियंता, जल संसाधन विभाग, आरपी द्विवेदी, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन अनुभाग तखतपुर, मोहरसाय सिदार,तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार सकरी, कीर्ति सिंंह राठौर एवं आंनदरूप् तिवारी, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी कोटा राहुल सिंह और तत्कालीन पटवारी दिलशाद अहमद दोषी पाए गए हैं, इनमे से केवल पटवारी पर ही कार्यवाही की गई है।

अरपा भैसाझार बैराज वृहद परियोजना के बारे में जानें

अरपा भैसाझार बैराज वृहद परियोजना बिलासपुर जिले के तहसील एवं ब्लाक कोटा के भैसाझार ग्राम के समीप अरपा नदी में स्थित है। उक्त परियोजना से बिलासपुर जिले के 3 विकासखंडों के 102 ग्रामों के कुल 25000.00 हेक्टयर क्षेत्र में खरीफ फसल में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। यह परियोजना कई सालों से लंबित है, इसे पूरा करने की बजाय अधिकारियों ने घोटाले का रास्ता निकाल लिया। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की प्रतीक्षा है।