सारंगढ़। उपजेल, सारंगढ़ में कैदियों से जबरिया वसूली और जानवरों की तरह मारपीट करना जेल अधीक्षक और उसके प्रहरियों को महंगा पड़ गया। इस मामले के खुलासे के बाद सबसे पहले सभी को सस्पेंड किया गया और इनके खिलाफ FIR दर्ज कराया गया। जिसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर इन्हें जेल भेज दिया।

प्रदेश में इस तरह का पहला मामला

जेलों में मारपीट और अवैध वसूली की शिकायतें पहले भी आती रही हैं, मगर ऐसे मामले में जेल अधीक्षक का इस तरह खुद जेल जाने का प्रदेश में इस तरह का पहला मामला है। दरअसल इस घटना का खुलासा होने के बाद उपजेल के सहायक अधीक्षक सहित 3 जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में कोतवाली पुलिस में अपराध दर्ज होने के बाद आज सहा.जेल अधीक्षक सहित 4 जेल कर्मियों को जमानत के अभाव में जेल भेज दिया गया।

न्यायाधीश से की गई थी शिकायत

सारंगढ़ उपजेल के पीड़ित बंदियों के परिजन ने मामले की जानकारी न्यायालय को दी थी। जिसके बाद न्यायाधीश ने कलेक्टर को इस संबंध में जानकारी दी। सारंगढ़ एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा गया। पीड़ित पक्ष द्वारा सारंगढ़ थाना एवं जिला एसपी से भी शिकायत की गई थी।

बेरहमी से की गई थी पिटाई…

जांच में पता चला कि जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे जेलर ने प्रहरियों के साथ मिलकर बंदियों को वहां बुलाया। घर से रुपए मंगाने के लिए कहा, मना करने पर पीटा गया। एक बंदी का सिर फूट गया वहीं दूसरे बंदी को मार-पीट कर अधमरा कर दिया गया। मारपीट 25 फरवरी को सुबह 6 से 10 बजे हुई थी।

पिटाई के दौरान बंदी का सर फूटा

बंदियों के परिजनों को जेलर द्वारा उनसे रुपयों का इंतजाम करने के लिए कहा गया था। नहीं देने पर प्रहरियों के साथ मिलकर बंदियों की बेरहमी से पिटाई गई थी। एक दर्जन से अधिक बंदियो को चोट आई है। इस मारपीट और एक्सटार्सन में जिन बंदियो को सबसे ज्यादा चोट आई है उसमें दिनेश चौहान का नाम पहले नंबर पर है। वहीं दीपक पटेल, रोहित पटेल, नारायण दास आदि बंदियो का भी नाम इस मारपीट के शिकार बंदियो की सूची में है। बताया जा रहा है कि नारायण दास के सिर पर बांस से लगातार हमला किया गया जिससे उसके सर फूट गया तथा उसको तीन टांका लगाया गया है। दर्द से कहारते हुए बंदियो को जेलर के द्वारा अस्पताल भी नही भेजा जा रहा था किन्तु उनकी गंभीर हालत को देखकर उन्हें अस्पताल भेजा गया।

जेलर को खाते में भेजे थे 40 हजार रूपये..!

मारपीट में घायल दिनेश चौहान ने बताया कि जेलर ने उससे 50 हजार रूपये की मांग की थी और परिजनो को फोन करके पैसे एकाऊंट मे ट्रांसफर कराने के लिये दबाव बना रहा था। गरीब घर का होने तथा पैसे नही होने का वास्ता देने की वजह से दिनेश को लगभग 4 घंटे तक जेलर संदीप कश्यप और सुरक्षा प्रहरियो द्वारा जमकर मार-पीट की गई। दिनेश ने बताया कि पखवाड़ा भर पहले ही उसने जेलर के एकाऊंट में 40 हजार रूपये ट्रांसफर करवाया था और अब फिर से उससे 50 हजार रूपये की मांग की जा रही है।

पुख्ता जांच के बाद दर्ज हुआ FIR

इस मामले की जांच के दौरान कैदियों से मारपीट का तो खुलासा हुआ, साथ ही जेलर को उसके खाते में रूपये भेजने की भी पुष्टि हुई। इस संबंध में जांच रिपोर्ट दिए जाने के बाद जेल के सहायक अधीक्षक संदीप कश्यप और तीन जेल प्रहरी महेश्वर हिचामी, मनन्दे वर्मा, राजकुमार कुर्रे के खिलाफ 294, 323 327 34 384 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था। इन सभी को गिरफ्तार कर रिमांड पर रायगढ़ जेल भेजा गया है। इस तरह जेल में कैदियों को सुधरने का पाठ पढ़ाने वाले खुद जेल की पीछे पहुंच गए हैं।