नई दिल्ली। हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। कुरुक्षेत्र से पूर्व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल, उनकी मां सावित्री देवी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं। ऐसी खबरें हैं कि नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि अभी इस बात को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है, मगर ये अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं, क्योंकि जिंदल ग्रुप और जिंदल परिवार ने अखबारों में केंद्र सरकार का आभार जताते हुए विज्ञापन दिया है। जिंदल ग्रुप और सावित्री जिंदल की तरफ से अखबारों में दिए गए एक इश्तेहार के बाद दोनों मां-बेटे के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें बढ़ गई हैं।

कुरुक्षेत्र में जिंदल परिवार की अच्छी पैठ है। जिंदल परिवार का ट्रस्ट हिसार में महाराजा अग्रसेन मेडिकल संस्थान चलाता है। हाल ही में नेशनल मेडिकल कमिशन रिपोर्ट में उत्तर भारत में पहला पायदान हासिल करने में यह संस्थान कामयाब रहा। इसी रैंकिंग पर फैमिली की ओर से एक विज्ञापन छापा गया। केंद्र सरकार का आभार जताते हुए जिंदल ग्रुप और जिंदल परिवार की ओर से न्यूज पेपर में पीएम नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की तस्वीर संग में छापी थी।

जिंदल फैमिली से फिलहाल कोई भी लोकसभा सांसद नहीं है। नवीन जिंदल ने 2019 में ही ऐन मौके पर कांग्रेस से लड़ने से इनकार कर दिया था। इस बीच कई बार उनके और उनकी मां के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी लगाई गईं। स्थानीय मीडिया में खबर जोरो शोरों से सुर्खियां बटोर रही है। कुरुक्षेत्र स्थित जिंदल हाउस में साफ-सफाई का काम शुरू हो चुका है। 2019 से कुरुक्षेत्र और करनाल स्थित जिंदल हाउस लगभग बंद पड़े हैं।

जिंदल परिवार का कुरुक्षेत्र सीट से पुराना नाता है। नवीन जिंदल लगातार दो बार (2004 और 2009) लोकसभा चुनाव में विजयी रहे हैं। उनके पिता स्व. ओमप्रकाश जिंदल ने हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के टिकट पर यहां से 1996 में जीत हासिल की थी।

नवीन नहीं, शालू जिंदल है भाजपा की पहली पसंद

बिजनेस टाइकून नवीन जिंदल के BJP ज्वाइन करने और कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लंबे समय से चल रहे हैं। लेकिन तकनीकी पेंच के चलते भाजपा उन्हें मैदान में उतराने से बच रही है। दरअसल UPA-2 सरकार (2009 से 2014) के दौरान हु़ए कोयला घोटाले में BJP ने नवीन जिंदल को जमकर घेरा था।

अब उन्हीं जिंदल को अपने टिकट पर चुनाव लड़वाना पार्टी को थोड़ा मुश्किल लग रहा है। उसके रणनीतिकारों की नजर में नवीन जिंदल की जगह उनकी पत्नी शालू जिंदल पर दाव लगाना ज्यादा सही रहेगा।

शालू जिंदल रसूखदार जिंदल फैमिली की बहू और कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल की पत्नी हैं। आखिर क्यों इनके नाम पर विचार किया जा रहा है वजह है तो है क्या? हाल ही में नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के सीएम का पदभार संभाला। वो कुरुक्षेत्र से ही सांसद थे।

अब इस सीट पर किसे टिकट थमाया जाएगा, इसे लेकर भाजपा में मंथन शुरू हो गया। सैनी की सीट पर उन्हीं की तरह के कद्दावर की तलाश एक शख्सियत पर रुकी और वो हैं शालू जिंदल। काफी लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और रसूखदार परिवार की बहू। कांग्रेसी परिवार की सबसे मुफीद उम्मीदवार। इंतजार सिर्फ शालू जिंदल की हां का है।

गौरतलब है कि जिंदल परिवार का कुरुक्षेत्र सीट से पुराना नाता है। यहां से नवीन जिंदल लगातार दो बार (2004 और 2009) लोकसभा चुनाव में विजयी रहे हैं। उनके पिता स्व. ओमप्रकाश जिंदल ने हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के टिकट पर यहां से 1996 में जीत हासिल की थी।

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