बीजापुर। नक्सलियों के द्वारा प्लान्ट किये गए आईईडी में ब्लास्ट के चलते घायल एक युवक को बीते 17 दिनों से बंधक बनाकर रखा गया, जिसे परिजनों से बातचीत के बाद छोड़ दिया गया।

पुलिस ने दी यह जानकारी

पुलिस ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि नैमेड थाना क्षेत्र के ग्राम कचिलवार निवासी युवक गुड्डू लेकाम, उम्र 18 अपने किसी निजी काम से तेलंगाना के चेरला गया हुआ था। 11 मार्च 2024 को वह वापस कचिलवार आने के लिए पैदल ही जंगल के रास्ते निकला था।इसी बीच गुड्डू इतावर गांव के पास पहुंचा ही था कि शाम 7.30 बजे के आसपास नक्सलियों द्वारा पुलिस को नुकसान पहुंचाने की नियत से लगाये गए आईईडी बम में ब्लास्ट हुआ और इसकी चपेट में आने से गुड्डू बुरी तरह घायल हो गया।

बताया जा रहा है कि 11 मार्च को हुई इस घटना के बाद नक्सलियों ने घायल युवक को अगवा कर लिया। परिजनों को इस बात की जानकारी ही नहीं हुई, और इस बीच नक्सलियों के द्वारा ग्रामीण युवक को 17 दिनों तक अपने पास बंधक बनाकर रखा गया।

परिजनों ने लगाई गुहार, तब..

जब नक्सलियों के द्वारा ग्रामीण को बंधक बनाए जाने की बात सामने आई तब गुड्डू लेकाम के परिजनों ने अपने बेटे के बारे में पता लगाना शुरू कर दिया।‌ लंबे समय के बाद नक्सलियों से जब उसके माता-पिता ने मुलाकात की तो उन्होंने उसे छोड़ने की गुहार लगाई।‌ ग्रामीण युवक के माता-पिता के कहने पर नक्सलियों ने 28 मार्च को गुड्डू लेकाम को छोड़ दिया। नक्सलियों के चुंगल से छूटने के बाद युवक घर पहुंचा, तब उसका एक पैर गायब था और दूसरा भी चोटिल है। युवक के परिजनों ने उसे बीजापुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
इसके बाद परिजनों ने ग्रामीण युवक को बेहतर उपचार के लिए उसे बीजापुर के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से युवक को रायपुर के लिए रेफर कर दिया गया है।

अब कभी खड़ा नहीं हो पायेगा गुड्डू..?

बता दे कि नक्सलियों के द्वारा जवानों को निशाना बनाने के लिए आईईडी प्लांट किया जाता है। जिसकी चपेट में एक युवक आ गया। मामले की जानकारी देते हुए बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि आईडी ब्लास्ट में युवक के दोनों पैर पर चोट आई है।‌ गुड्डू के दोनों पैर बर्बाद हो गए हैं। परिजनों को कहना है कि वह अपने पैर पर अब कभी खड़ा नहीं हो पाएगा, हालांकि इस घटना के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है।

नक्सलियों ने युवक को क्यों बनाया बंधक..?

सवाल यह उठता है कि ब्लास्ट से घायल युवक को नक्सलियों ने आखिर क्यों बंधक बनाया। नक्सलियों द्वारा प्लांट IED के चलते यह घटना घटी है। क्या नक्सलियों ने इसे छुपाने के लिए युवक को बंधक बनाया? क्या नक्सलियों ने इस दौरान युवक का इलाज भी कराया ? संभव है कि नक्सलियों ने उसका इलाज भी किया होगा, अन्यथा इतने दिनों तक बारूद के विस्फोट से घायल युवक को बचा पाना मुश्किल था। बहरहाल अपने दोनों पैर लगभग गवां चुके युवक को बेहतर इलाज के लिए रायपुर लाया जा रहा है।

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