बिलासपुर। अवैध दुकान ढहाने की नगर निगम की कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग कर रोक लगा दी। साथ ही याचिकाकर्ता को खुद ही स्वीकृत नक्शे के अनुसार बदलाव करने के लिए समय दे दिया।

ये है मामला…

नूतन चौक सरकंडा में नगर निगम की लीज पर आवंटित जमीन में याचिकाकर्ता हरीश राठौर ने शॉपिंग कम्पलेक्स बनाया है। स्वीकृत नक्शे के अनुसार उसने इसमें पार्किंग के लिए जगह नहीं छोड़ी, बल्कि वहां पर भी दुकानें खड़ी कर दी। 15 मार्च को नगर निगम ने उसे अवैध निर्माण हटाने और पार्किंग के लिए स्वीकृत नक्शे के अनुसार जगह छोड़ने की नोटिस दी। इस पर राठौर ने नगर निगम में नए निर्माण पर नियमितीकरण के लिए आवेदन लगाया। नगर निगम ने आवेदन को अस्वीकृत करते हुए पूर्व के नक्शे का पालन करते हुए अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया। नहीं हटाने पर 28 मार्च को नगर निगम ने 24 घंटे के बाद तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी।

हाई कोर्ट में लगाई ऑनलाइन याचिका

इस पर राठौर की ओर से अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल ने शुक्रवार की रात 9:00 बजे हाईकोर्ट में ऑनलाइन याचिका दायर की। याचिका रात को 11:40 बजे स्वीकृत कर ली गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर सुबह 6:00 बजे याचिका के दस्तावेज हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा कर दिए गए। इसके बाद सुबह 8.00 बजे जस्टिस राकेश मोहन पांडे की बेंच ने याचिका की सुनवाई की।

रोक लगाकर कोर्ट ने दिया यह आदेश

याचिकाकर्ता ने स्वीकार किया कि स्वीकृत नक्शे के विपरीत कुछ निर्माण उसने किये हैं। वह इसे हटाने तथा स्वीकृत नक्शे के अनुसार बदलाव के लिए तैयार है। इसके लिए उसने 45 दिनों की मोहलत मांगी। कोर्ट ने नगर निगम का भी पक्ष इस विषय में सुना। नगर निगम ने समय देने का विरोध किया। सुनवाई के बाद नगर निगम की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 3 सप्ताह का समय दिया है कि वह स्वयं अवैध निर्माण को हटाकर नक्शे के अनुरूप पार्किंग के लिए जगह छोड़े।