सूरजपुर। अंबिकापुर की ACB टीम ने घूसखोर पटवारी को एक ग्रामीण से रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। मौके पर की गई इस कार्रवाई के बाद टीम द्वारा पटवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

यह मामला सूरजपुर जिले के पटवारी प०ह०नं- 17 तेलईमुड़ा एवं प्रभारी पटवारी, प०ह०नं0-02, ग्राम गोविंदपुर, तहसील रामानुजनगर का है, जहां के पटवारी रामगोपाल साहू को प्रार्थी सुनील कुमार सिंह से 3000 रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है।

पीड़ित ने की थी यह शिकायत

ACB की टीम के मुताबिक गोविदपुर, तहसील रामानुजनगर, जिला सूरजपुर के सुनील कुमार सिंह ने एन्टी करप्शन ब्यूरो, अंबिकापुर में शिकायत की थी, कि उसकी पैतृक भूमि है जिसका खसरा नंबर 1912. 2350, 2392 2445, 2465, 2469 कुल रकबा 0.810 हे० है। उक्त भूमि उसके पिता दशरथ व माता देवचरनी के नाम से दर्ज है। दोनों का देहांत हो चुका है। इसके चलते जब प्रार्थी हल्का पटवारी नंबर-02 रामगोपाल साहू के पास पैतृक भूमि में फौती चढ़ा कर उसका नाम राजस्व रिकार्ड में दुरूस्त कराने के लिए गया तब उसके द्वारा रिकार्ड में दुरुस्त करने के एवज में 5 से 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई।

‘पैसे के बिना नहीं होगा काम’

सुनील सिंह को पटवारी ने कहा था कि पैसा तो देना ही पड़ेगा, पैसे दोगे तभी तुम्हारा पैतृक भूमि का रिकार्ड दुरूस्त होगा। परेशान सुनील सिंह ने इस तरह रिश्वत के रूप में पैसे देने की बजाय उसे रिश्वत देते हुए रंगे हाथ पकड़वाने का मन बना लिया। इसके लिए उसने अंबिकापुर ACB से संपर्क कर शिकायत की। जिसके बाद प्रार्थी की शिकायत का सत्यापन कराया गया जिसमें प्रार्थी सुनील कुमार सिंह के द्वारा पटवारी रामगोपाल साहू से मिलकर अपने कार्य के संबंध में बातचीत करने के पश्चात रिश्वत की रकम के संबंध में बातचीत किया गया। जिसपर पटवारी रामगोपाल साहू के द्वारा कहा गया कि कार्य करने के लिये 5000/ रुपये देना ही पड़ेगा।

‘रिश्वत को लेकर बातचीत हुई रिकार्ड’

पटवारी रामगोपाल साहू ने जब साफ कह दिया कि बिना पैसे दिए काम नहीं करूंगा, तब प्रार्थी सुनील ने तत्काल 2000 रुपये पटवारी को दे दिया और बाकी की रकम 3000/ रुपये बाद में देने की बात कही। ऐसे में पटवारी ने रकम तो रख ली मगर उसने फिर कहा कि जब तक शेष रकम 3000/ रुपये नहीं दोगे, तब तक आगे की कार्यवाही नहीं करूंगा। यह सारी बात सुनील के साथ भेजे गए उपकरण में रिकॉर्ड हो गई। इस तरह पटवारी रामगोपाल साहू के द्वारा 5000/ रुपये मांग किये जाने की पुष्टि हुई।

मौके पर जाकर पकड़ा रिश्वत लेते हुए

शिकायत का सत्यापन होने के बाद ACB की एक टीम को सूरजपुर जिले के संबंधित गांव में भेजा गया। यहां पटवारी रामगोपाल साहू को भारतीय स्टेट बैंक, सूरजपुर के प्रांगण में सुनील कुमार सिंह से 3000/ रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी के विरूद्ध धारा- 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, (यथा संशोधन 2018) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रारंभिक कार्रवाई के बाद ACB की टीम पटवारी को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर चली गई।

इस तरह हुई रंगे हाथ पकड़ने की कार्रवाई

पटवारी रामगोपाल साहू को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद बाकायदा जब्त किये गए नोट को पानी भरे ग्लास में डुबोया गया, इससे पानी रंगीन हो गया। वहीं पटवारी के हाथ को भी धुलवाया गया। इस दौरान हाथ से भी रंगीन पानी गिरने लगा। यह उस पाउडर का कमाल था जो रिश्वत देने के लिए दिए गए नोट में डालकर रखा गया था। दरअसल इसे ही कहते हैं रंगे हाथ पकड़ना। देखें इस वाकये का VIDEO :

‘नई सरकार में पहली कार्रवाई’

बता दें कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में चली कांग्रेस की सरकार के दौरान ACB और EOW की करवाई लगभग बंद हो गई थी। आलम यह था कि लगभग दो साल के दौरान राज्य सरकार की इस एजेंसी में केवल एक ही प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार के आने के बाद ACB और EOW की टीम में पूरा बदलाव किया गया और IPS अमरेश मिश्रा को इसकी कमान सौंपी गई। वर्तमान में EOW की टीम जहां एक ओर विभिन्न घोटालों में मामला दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है, वहीं ACB की टीम द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सूरजपुर में की गई यह पहली कार्रवाई है, जिसमें एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है।

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