टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने स्पष्ट कहा है कि वह छत्तीसगढ़ में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ मनी लांड्रिंग की शिकायत को रद्द कर देगी।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि माले में ईसीआईआर और एफआईआर को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध नहीं हुए हैं और कोई अवैध धनराशि नहीं है, ऐसे में जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ही नहीं बनता।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पीठ से नई शिकायत दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सामग्री है और अगर पीठ शिकायत को रद्द करना चाहती है तो ईडी को नई शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए। ताकि हम मामले में आगे बढ़ सकें। साथ ही अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने यह भी कहा कि अदालत ने पूर्व में इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने जैसे आदेश दिए थे, उन आदेशों को भी रद्द किया जाना चाहिए। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने आठ अप्रैल की तारीख तय ती है।

बता दें कि अभियोजन पक्ष ने अपनी शिकायत में कहा है कि विशेष पीएमएलए अदालत में दायर ईडी के आरोप पत्र में एजेंसी ने कहा है कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध आपूर्ति में शामिल सिंडिकेट का “किंगपिन” है। 8 जनवरी को शीर्ष अदालत ने ईडी से ईसीआईआर और एफआईआर पेश करने को कहा था। इन दोनों के आधार पर ही जांच एजेंसी ने कथित शराब घोटाला मामले में शिकायत दर्ज की है।

इससे पहले, ईडी ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा है। जांच एजेंसी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। 2019-22 में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक काले धन की कमाई हुई।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।

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