रायपुर। छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर एक्शन शुरू करेगी। इसी हफ्ते ईडी घोटाले से संबंधित नई ईसीआईआर (इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज करेगी। इसके बाद फिर से धरपकड़ शुरू होगी। तब तक छत्तीसगढ़ सरकार की एजेंसी राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) अपनी जांच जारी रखेगी। नई ईसीआईआर की ईडी के अफसरों ने तैयारी शुरू कर दी है। अफसर नई रिपोर्ट के लिए केस से जुड़े उन कमियों को तलाश रहे हैं, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने केस को ही खारिज कर दिया था। अब ऐसी कमियों को दूर कर नई ईसीआईआर कायम की जाएगी, जिससे वे किसी भी कोर्ट में अपने केस को मजबूती से रख सकें। 

इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में चल रहे ईडी के शराब घोटाले केस की अंतिम सुनवाई हुई। सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में 5 याचिकाएं थीं। पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, उनकी पत्नी करिश्मा ढेबर, आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंघानिया ने याचिका लगाई थी। इन सभी के केस की संयुक्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए केस को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग कहीं से साबित करने में एजेंसी नाकाम रही है। साथ ही यह भी साबित नहीं कर सकी कि अपराध से रकम कमाई गई है।

पांच में से तीन फिर गिरफ्तार

ईडी ने पिछले साल अप्रैल में जब केस पर जांच शुरू की तो मई से जून के बीच पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें सबसे पहले कारोबारी अनवर ढेबर थे। इसके बाद कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अधिकारी एपी त्रिपाठी और अरविंद सिंह अगले एक महीने में गिरफ्तार किए गए। अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और नितेश पुरोहित पिछले साल जुलाई-अगस्त में जमानत में बाहर आ गए। सूबे में जब सरकार बदली तो ईडी की उसी रिपोर्ट EOW ने केस दर्ज कर लिया। 70 लोगों को ब्यूरो ने आरोपी बनाया है। फरवरी में हाईकोर्ट ने एपी त्रिपाठी को जमानत दी, जो करीब 8 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए थे। इसके बाद 2 अप्रैल को हाईकोर्ट ने इस केस के आखिरी आरोपी अरविंद सिंह को जमानत दी। जमानत पर 3 अप्रैल की रात जैसे ही अरविंद बाहर आए, जेल के बाहर EOW की  टीम उन्हें अपने साथ ले गई। दूसरे दिन यानी कि 4 अप्रैल को अनवर ढेबर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हफ्तेभर बाद बिहार से एपी त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया गया है। अभी तीनों 18 अप्रैल तक ब्यूरो की रिमांड में है।