बिलासपुर। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा की अपील पर हाईकोर्ट ने रामनवमी के अवकाश दिन सुनवाई की और कुलपति को उसके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा।

मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली की उक्त छात्रा रायपुर की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में आखिरी सेमेस्टर की छात्रा है। पिछले सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान उसे नकल करते पाया गया। यूनिवर्सिटी की कमेटी ने उसके संबंधित विषय की परीक्षा रद्द कर दी थी, साथ ही एक साल के लिए परीक्षा में बैठने पर पाबंदी लगा दी थी।

इस मामले में छात्रा ने विश्वविद्यालय की समिति के समक्ष आवेदन किया था, जिसमें एक वर्ष के लिए परीक्षा देने से वंचित करने का दंड वापस लेने का अनुरोध किया गया। उसे राहत नहीं मिली। तब उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। यहां सिंगल बेंच ने विश्वविद्यालय के फैसले को उचित ठहराया और छात्रा को वहां से भी राहत नहीं मिली। उसने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट रजिस्ट्रार कार्यालय में याचिका दायर कर बताया कि चूंकि 18 अप्रैल से उसकी अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू होने वाली है, इसलिये उसके आवेदन पर तत्काल सुनवाई का अवसर दिया जाए। याचिका स्वीकार करते हुए जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने छात्रा को आंशिक राहत दी है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से कहा है कि छात्रा के प्रकरण पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने पर विचार करे।