रायपुर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कहना है कि भाजपा का 2024 का चुनावी घोषणापत्र, जिसे ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में जारी किया गया है, में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश पर सी 2+50% की दर से किसानों की सभी फसलों को पूरे साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने की कोई कानूनी गारंटी नहीं दी गई है और न ही किसानों की आत्महत्या और ऋण माफी का कोई उल्लेख किया गया है।

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत और राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह तथा मेरठ जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। उन्होंने कोण्डागांव रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा की और कहा कि मुद्रास्फीति और मूल्य वृद्धि के किसी भी संदर्भ के बिना, घोषणापत्र कहता है कि ‘समय-समय पर एमएसपी बढ़ाना जारी रहेगा’। देशव्यापी किसान आंदोलन के संदर्भ में, भाजपा घोषणा पत्र का गंभीर कृषि संकट पर जानबूझकर चुप्पी बेहद चिंताजनक है। अन्य राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कृषि संकट और स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित लाभकारी एमएसपी की आवश्यकता पर स्पष्टता दिखाई है।

‘पीएम सम्मान निधि का मतलब…’

राकेश टिकैत ने कहा कि 6000 रुपये प्रति वर्ष के पीएम सम्मान निधि का मतलब एक किसान परिवार के लिए प्रति माह मात्र 500 रुपये है। जहां 1,00,474 किसानों और 3,12,214 दिहाड़ी श्रमिकों (कुल 4,12,688 लोगों) ने 2014-2022 के दौरान आत्महत्या की है, मोदी सरकार ने 2014 के चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादे के बावजूद किसान और खेत मजदूरों के लिए एक रुपये की ऋण माफी प्रदान नहीं की।

‘कॉर्पोरेट घरानों के कर्ज माफ, मगर…’

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि मोदी राज के पिछले नौ वित्त वर्षों के दौरान, यानी वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2022-23 तक, बैंकों ने कॉर्पोरेट घरानों को 14.55 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया हैै। लेकिन, चुनावी घोषणापत्र 2024 में, भाजपा कृषि संकट के गंभीर मुद्दे पर चुप है जब पूरे भारत में प्रतिदिन 30 किसान आत्महत्या का शिकार हो रहे हैं।

युद्धवीर सिंह ने कहा कि ‘विकसित भारत’ की कॉर्पोरेट-समर्थक नीति को बदले बिना और कृषि संकट को समाप्त करने के लिए किसानों को लाभकारी दाम, खेत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी और कर्ज मुक्ति सुनिश्चित किए बिना, मोदी की गारंटी केवल कॉर्पोरेट के लिए विकास की सुविधा प्रदान करेगी और किसानों की व्यापक आत्महत्या का कारण बनेगी।

इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन, छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी प्रवीण क्रांति, प्रदेश महासचिव तेजराम विद्रोही, प्रदेश सचिव कमल कुशवाहा, सहसचिव कृष्णा नरवाल, गरियाबंद जिला संयोजक मदन लाल साहू, शतवीर बाला भी उपस्थित रहे।